नई दिल्ली (पीटीआई)वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा कि इससे अर्थव्यवस्था का विकास होगा और भारत आत्मनिर्भर होगा। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर होने का यह मतलब नहीं है कि भारत दुनिया से कट जाएगा।

करदाताओं को मिलेगी राहत, उद्योगों को कोलेटरल फ्री लोन
वित्तमंत्री ने कहा कि कर दाताओं को 18,000 करोड़ रुपये का रिफंड दिया जाएगा। इस भुगतान से 14 लाख करदाताओं को लाभ मिलेगा। लघु और मध्यम उद्योगों को 12 महीनों के लिए कोलेटरल फ्री लोन उपलब्ध कराया जाएगा। आर्थिक पैकेज की घोषणा के मौके पर उन्होंने कहा कि इससे 45 लाख इकाइयों को फायदा मिलेगा। 2 लाख लघु, सूक्ष्म एवं मध्यम उद्योगों को संकट से उबारने के लिए 20,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए जाएंगे।

एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव ताकि निवेश की लिमिट बढ़ सके
एमएसएमई फंड में इक्विटी के जरिए 50,000 करोड़ रुपये एमएसएमई को उपलब्ध कराए जाएंगे। वित्तमंत्री ने कहा कि इससे उद्योगों के विकास की रफ्तार को बल मिलेगा। एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया जाएगा। इस बदलाव से इनमें निवेश की लिमिट को बढ़ाया जा सकेगा। नई व्यवस्था टर्नओवर के आधार पर होगी।

कर्मचारियों और नियोक्ताओं का पीएफ भरेगी सरकार
कर्मचारियों और नियोक्ता के हिस्से का ईपीएफ अंशदान के रूप में सरकार 2,500 करोड़ रुपये भरेगी। वित्तमंत्री ने कहा कि यह योजना बढ़ा कर अगस्त तक कर दिया गया है। नियोक्ता का पीएफ अंशदान पहले ही 12 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दिया गया था। इसके लिए सरकार 6,750 करोड़ रुपये की राहत देगी।

गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों और हाउसिंग लोन देने वाली कंपनियों को भी राहत
आर्थिक पैकेज की घोषणा के दौरान वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एनबीएफसी, हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और एमएफआई को 30,000 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि एनबीएफसी में क्रेडिट गारंटी स्कीम के जरिए 45,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। बिजली वितरण कंपनियां भारी संकट से गुजर रही हैं उन्हें 90,000 करोड़ रुपये की आपात आर्थिक सहायता दी जाएगी।

आयकर दाखिल करने की तिथि बढ़ी
वित्तमंत्री ने कहा कि 31 मार्च, 2021 तक गैर वेतन के तौर पर 25 प्रतिशत काटे गए टीडीएस, टीसीएस दरों के 50,000 करोड़ रुपये रीलीज कर दिए जाएंगे। इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की तिथि बढ़ा कर 30 नवंबर कर दी गई है।

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