नई दिल्ली (एएनआई)। UNESCO World Heritage : शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल के सबसे प्रसिद्ध स्थानों में से एक, जहां नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने अपने जीवन का अधिकांश समय बिताया, को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है। इस अचीवमेंट के लिए केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी किशन रेड्डी ने शांतिनिकेतन को यूनेस्को के विश्व धरोहर टैग से सम्मानित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री ने सोमवार को पत्रकारों से बात करते हुए कहा, यूनेस्को ने मुख्य रूप से इस संरचना को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मंजूरी दे दी है।

मान्यता प्राप्त भारत का 41वां स्थल

यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त भारत का 41वां स्थल है। बतादें कि इस अचीवमेंट पर पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, यह सभी भारतीयों के लिए गर्व का क्षण है। रविवार को सऊदी अरब में विश्व धरोहर समिति के 45वें सत्र के दौरान शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।

'विश्व विश्वविद्यालय' की स्थापना की गई

1901 में टैगोर द्वारा स्थापित, शांतिनिकेतन एक आवासीय विद्यालय और प्राचीन भारतीय परंपराओं और धार्मिक और सांस्कृतिक सीमाओं से परे मानवता की एकता की दृष्टि पर आधारित कला का केंद्र था। मानवता की एकता या 'विश्व भारती' को मान्यता देते हुए 1921 में शांतिनिकेतन में एक 'विश्व विश्वविद्यालय' की स्थापना की गई थी। शांतिनिकेतन अखिल एशियाई आधुनिकता की ओर दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जो पूरे क्षेत्र की प्राचीन, मध्ययुगीन और लोक परंपराओं पर आधारित है। भारत लंबे समय से बीरभूम जिले में स्थित इस सांस्कृतिक स्थल के लिए यूनेस्को टैग के लिए प्रयास कर रहा था।

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