प्रयागराज (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) ने लगातार तीसरे वर्ष नए शैक्षणिक सत्र में नौवीं से 12वीं कक्षा तक के एक करोड़ से अधिक छात्रों के लिए निर्धारित वार्षिक पाठ्यक्रम का केवल 70 प्रतिशत कवर करने का निर्णय लिया है। ये छात्र राज्य भर में बोर्ड से संबद्ध लगभग 27,735 स्कूलों में नामांकित हैं। बोर्ड ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए गए पाठ्यक्रम में पिछले दो वर्षों की तरह 30 प्रतिशत कटौती को बरकरार रखा है।

कोविड के कारण हुआ था बदलाव
बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार , कोविड के कारण पिछले दो वर्षों से नियमित अध्ययन की कमी और छात्रों के मानसिक दबाव के कारण यह निर्णय लिया गया है। अधिकारियों ने माना कि दो साल बाद स्कूल लौटने वाले छात्रों को एक आरामदायक वातावरण प्रदान करने के लिए और उनके समग्र विकास के लिए बिना कोई अतिरिक्त दबाव डाले, केवल 70 प्रतिशत पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा और छात्रों का मूल्यांकन कवर किए गए पाठ्यक्रम के आधार पर होगा।

नए पैटर्न पर होगें एग्जाॅम
यूपी बोर्ड कक्षा 9 और कक्षा 10 की लिखित परीक्षा भी इसी साल से एक नए पैटर्न पर आयोजित करने जा रहा है। पहली बार शैक्षणिक सत्र के दौरान पांच मासिक परीक्षाएं होंगी जो छात्रों के मूल्यांकन का हिस्सा होंगी। बहुविकल्पीय प्रश्नों पर आधारित तीन परीक्षाएं होंगी और वर्णनात्मक उत्तरों की आवश्यकता वाले प्रश्नों के आधार पर दो टेस्ट होंगे। माध्यमिक शिक्षा (सीबीएसई) ने भी पिछले दो महामारी प्रभावित वर्षों में किए गए वर्ष के लिए पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत कटौती को बरकरार रखा है। सीबीएसई के प्रयागराज क्षेत्रीय अधिकारी श्वेता अरोड़ा ने इस कदम की पुष्टि करते हुए कहा, पिछले साल का पाठ्यक्रम होगा 2022-23 सत्र के लिए भी लागू होगा।

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