लखनऊ (पीटीआई)। उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की 55 विधानसभा सीटों के लिए सोमवार सुबह मतदान शुरू हो गया। राज्य में विधानसभा चुनाव का यह दूसरा चरण है। सहारनपुर, बिजनौर, मुरादाबाद, संभल, रामपुर, अमरोहा, बदायूं, बरेली और शाहजहांपुर में फैली सीटों के साथ इस चरण में 586 उम्मीदवार मैदान में हैं। 2017 में 55 सीटों में से बीजेपी ने 38 सीटें जीती थीं, जबकि समाजवादी पार्टी को 15 और कांग्रेस को दो सीटें मिली थीं। सपा और कांग्रेस ने पिछला विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ा था।

समाजवादी पार्टी का गढ़
सपा द्वारा जीती गई 15 सीटों में से 10 पर मुस्लिम उम्मीदवार विजयी हुए थे। इस चरण में मतदान वाले क्षेत्रों में बरेलवी और देवबंद संप्रदायों के धार्मिक नेताओं से प्रभावित मुस्लिम आबादी काफी बड़ी है। इन इलाकों को समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है। इस चरण में प्रमुख चेहरों में योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्री धर्म सिंह सैनी शामिल हैं, जो चुनाव से पहले सपा में चले गए थे। सैनी नकुर विधानसभा क्षेत्र से किस्मत आजमा रहे हैं।

आजम और बेटे की किस्मत का फैसला
सपा के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान को उनके गढ़ रामपुर से जबकि यूपी के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना को शाहजहांपुर से उम्मीदवार बनाया गया है। खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को स्वार सीट से मैदान में उतारा गया है। उन्हें रामपुर के नवाबों के उत्तराधिकारी हैदर अली खान के खिलाफ खड़ा किया गया है, जो भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के टिकट पर अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। हैदर अली खान पूर्व सांसद नूर बानो के पोते हैं।

चुनाव की कड़ी तैयारी
यूपी के जल शक्ति राज्य मंत्री बलदेव सिंह औलख बिलासपुर से, शहरी विकास राज्य मंत्री महेश चंद्र गुप्ता बदायूं से और माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी चंदौसी से चुनाव लड़ रहे हैं। बरेली की पूर्व मेयर सुप्रिया आरोन सपा के टिकट पर बरेली छावनी से चुनाव लड़ रही हैं। अतिरिक्त मुख्य चुनाव अधिकारी ब्रह्मदेव राम त्रिपाठी ने कहा कि कोविड के डर के बीच चुनाव हो रहे हैं, उन्होंने कहा कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और कोविड-सुरक्षित मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान 10 फरवरी को हुआ था। नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।

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