आगरा: घटनाक्रम के दौरान मिली जानकारी के अनुसार सोनू फिलहाल बेरोजगार था और पिता के साथ ही काम कर रहा था। सोनू के पिता रणधीर शर्मा का ट्रांसपोर्ट नगर में बस की बॉडी बनाने का कारोबार है। सोनू उनका बड़ा बेटा था, जबकि देवेश छोटा है। आवास विकास सेक्टर 10 में 30 गज के मकान में ग्राउंड फ्लोर पर रणधीर और उनकी पत्नी कांता देवी रहते हैं, जबकि पहली मंजिल पर देवेश पत्नी लक्ष्मी के साथ रहता है। घर के दूसरी मंजिल पर पर कमरे में सोनू, उसकी पत्नी गीता, बेटा श्याम और बेटी सृष्टि रहते थे। कमरे की छत पर टिनशेड पड़ी हैं। घर के पास ही सोनू की बहन वीनू रहती हैं।


बेटा बोला, सभी फंदे पर लटके हैं
बुधवार सुबह तकरीबन सात बजे सोनू का बेटा श्याम अपनी बुआ वीनू के घर पहुंचा और खेलने लगा। वीनू के घर में आटा नहीं था। इस पर उन्होंने श्याम से कहा कि अपने घर से आटा ला दे। मगर, श्याम घर जाने को तैयार नहीं हुआ। वह दादी के पास आकर बैठ गया। वह सहमा हुआ था। इस पर दादी ने पूछा कि मम्मी-पापा क्या कर रहे हैं? श्याम ने डरते हुए कहा कि ऊपर सभी फंदे पर लटके हैं। यह सुनकर सोनू की मां कांता देवी सन्न रह गए। उन्होंने बेटे देवेश को भाई के कमरे में भेजा। वह ऊपर पहुंचा तो टिनशेड के एंगल से बने फांसी के फंदे पर सोनू, उसकी पत्नी और बेटी के शव लटके हुए थे। यह देखकर उसकी चीख निकल गई। उसने तीनों को फंदा काटकर उतारा। मगर, तीनों की की मौत हो चुकी थी। परिवार में कोहराम मच गया। सूचना पर पुलिस पहुंच गई। कुछ ही देर में मोहल्ले के लोगों की भीड़ मौके पर जुट गई।
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15 साल पहले की थी लव मैरिज
आगरा की आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर 10 में रहने वाले सोनू, उसकी पत्नी गीता और आठ साल की बेटी सृष्टि की मौत से मोहल्ले के लोग स्तब्ध हैं। घर में अब 10 साल का बेटा श्याम बचा है। पुलिस दंपति की मौत को आत्महत्या मान रही है। लेकिन सवाल यह भी है कि अगर सोनू और गीता ने आत्महत्या की है तो बेटी की मौत कैसे हुई? तीनों के शव बुधवार की सुबह घर में फंदे से लटके मिले। परिजनों ने बताया कि सोनू ने 15 साल पहले आवास विकास कॉलोनी के सेक्टर-12 निवासी गीता से लव मैरिज की थी। सोनू और गीता हरिद्वार में रहते थे। जहां सोनू एक फैक्टरी में काम करता था।


शरीर की कमजोरी से परेशान था
मां ने बताया कि सोनू का छह साल पहले एक एक्सीडेंट हो गया था। जिसमें उसके कंधे में चोट लग गई थी। तब से ही वो वजन नहीं उठा पाता था। इस कारण उसे अपने घर ले आए थे। उसका इलाज भी कराया। ठीक होने के बाद पिता की ट्रक बॉडी बनाने की दुकान पर काम करने लगा। दो साल से लॉकडाउन होने पर सोनू ने काम करना बंद कर दिया। घर में ही रहता था। ग्राउंड फ्लोर पर उसका भाई और द्वितीय तल पर घर में सोनू का परिवार रहता था। काम नहीं करने पर उसके बच्चों की पढ़ाई भी छूट गई थी। जो भी खर्चा होता था, वह मां बाप ही उठाते थे। मां का कहना है कि मंगलवार की शाम को 7:00 बजे बेटी सृष्टि कमरे से नीचे उतर के आई थी और दूध लेकर चली गई। इसके बाद कोई नीचे नहीं आया।
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सुसाइड नोट भावुक करने वाला
पति-पत्नी और बेटी की आत्महत्या के मामले में चौंकाने वाली बात सामने आई है। पुलिस को घर में छानबीन के दौरान एक कॉपी में सुसाइड नोट लिखा मिला है। यह सुसाइड नोट मृतक की पत्नी द्वारा लिखाया गया है। जिसके अनुसार पति सोनू पत्नी गीता और बेटी सृष्टि पर आत्महत्या करने के लिए दवाब बना रहा था। सुसाइड नोट में लिखा है कि जब से हरिद्वार से आगरा आए हैं। कोई काम नहीं कर रहे हैं। घरवालों पर बोझ बने हुए हैं। पत्नी की तरफ से लिखा गया है कि यह कहते हैं कि आत्महत्या कर लो, अगर नहीं करोगे तो मैं मार दूंगा। सुसाइड नोट में गीता का नाम लिखा हुआ है। अंगूठा भी लगाया गया है। आशंका है कि सुसाइड नोट बेटी सृष्टि से लिखवाया है।
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प्रथम दृष्टया मामला बेरोजगारी के चलते आत्महत्या का लग रहा है। क्योंकि सोनू काफी समय से कुछ काम नहीं कर रहा था। तीनों ने पहले सहमति की है। इसके बाद आत्मघाती कदम उठाया है। बेटे ने सहमति नहीं दी थी। उसने ही घटना के बारे में बताया। सुसाइड नोट पत्नी गीता की तरफ से लिखा गया लग रहा है। आशंका है कि बेटी सृष्टि ने इसे लिखा होगा। पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है। सुसाइड नोट को जांच के लिए फोरेंसिक लैब भेजा जा रहा है।
-प्रभाकर चौधरी, एसएसपी, आगरा