हर मामले में बेहतर लेकिन मेडिकल में पिछड़े

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने गूगल मीट के जरिए एक ऑनलाइन मीट कर शहर के लोगों के साथ मीटिंग की। इस दौरान कहां जाएं इलाज को कैंपेन पर शहर के लोगों की राय जानी। इस दौरान निकल कर आया कि इस शहर में वैसे तो कई सारी चीज़ें बहुत अच्छी हैं, लेकिन हम आज भी मेडिकल के क्षेत्र में पिछड़े हैं। पता नहीं ऐसा क्यों है यहां सुपर स्पेशियलिटी विंग बन गई लेकिन इसमें सुविधाएं नहीं हैं। आज भी इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है। जबकि इस शहर में बाकी कोई कमी नहीं हैं। यहां पर्यटक भी आते हैं ऐतिहासिक मॉन्यूमेंट भी हैं। लेकिन इलाज का नाम आते ही हम पिछड़ जाते हैं।

बुनियादी सुविधाएं ही नहीं मिल पा रही स्पेशल इलाज क्या मिलेगा

गूगल मीट पर हुए डिस्कशन में शहर वासियों का दर्द झलक उठा। लोग एसएन की व्यवस्थाओं से नाखुश दिखे। अधिकांश लोगों का मानना है कि एसएन में तो बुनियादी सुविधाएं ही लोगों को नहीं मिल पा रही हैं सुपर स्पेशियलिटी इलाज क्या ही मिलेगा। दरसल एसएन में मरीजों को ओपीडी से लेकर कई मरीज भर्ती करने तक में दिक्क्तें आती हैं। न तो मरीजों को यहां दवाइयां पूरी मिल पाती हैं। बड़ी और गंभीर बीमारी की तो छोडि़ए छोटी बीमारियों के लिए भी बाहर से दवा खरीदनी पड़ती हैं। समय पर एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं हो पाती हैं।

कैंसर मरीजों की टूट रही उम्मीदें

शहर में पिछले कुछ सालों में ही कैंसर मरीजों की संख्या में अप्रत्याशित रूप से बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले साल ही लगभग 2000 कैंसर के मरीज एसएन में रजिस्टर हुए थे जबकि लगभग 8000 मरीज एसएन में पुराने रजिस्टर्ड हैं। एसएन में कैंसर की कई जांचे नहीं है, जिसकी वजह से कैंसर मरीजों को शहर से बाहर जाना पड़ता है। सुपर स्पेशियलिटी विंग से उमीदें थीं कि इसके बनने से शहर के कैंसर मरीजों को होने वाली दिक्क्तें कम हो जाएंगी, लेकिन आज भी शहर के कैंसर मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ रहा है।

क्रिटिकल ऑपरेशन के लिए भी जाना पड़ रहा है बाहर

सुपर स्पेशलिटी विंग बनने के समय दावा किया गया था इसके बनने के बाद यहां क्रिटिकल मरीजों को ऑपरेशन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। इसके लिए यहां पांच मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर बनाए जाने थे। लेकिन तय तिथि निकल गई। इसके बाद भी शहर के लोगों को ऑपरेशन के लिए बाहर जाना पड़ता है। दरसल यहां पांच मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर में से सिर्फ एक ऑपरेशन थियेटर ही बनाया जा सका है बाकी चार का काम अटका पड़ा है जिसकी वजह से शहर के क्रिटिकल मरीजों को ऑपरेशन के लिए अभी भी बाहर जाना पड़ रहा है।

एसएन में अधिकांश दवाएं बाहर से लानी पड़ती हैं जबकि दवाओं के लिए हर साल करोड़ों रुपए का बजट शासन द्वारा मुहैया कराया जाता है। कुछ बुनियादी और बेसिक चीज़ों पर ही एसएन काम कर ले काफी हद तक चीज़ें सही हो जाएंगी।
हेमंत दीक्षित एडवोकेट

बुनियादी सुविधाएं ही लोगों को नहीं मिल पा रही हैं आज भी मरीजों को कई सारे इलाजों के लिए बाहर जाना पड़ता है। मेरे क्लीनिक पर जितने मरीज आते हैं क्रिटिकल में अधिकांश को बाहर ही जाना पड़ता है। अगर उनको यहां सुविधाएं मिल जाएं तो इनको बाहर नहीं जाना पड़ेगा
डॉ मनीष

दवाओं और एम्बुलेंस का एक पूरा नेक्सस एसएन में काम कर रहा है। जो मरीजों का शोषण कर रहा है। कई बार शिकयतें हुई लेकिन कभी इन पर प्रभावी करवाई नहीं हुई। ये शहर के लोगों के साथ नाइंसाफी है।
विवेक शर्मा एडवोकेट

सुपर स्पेशियलिटी जैसी कोई भी सुविधा यहां लोगों को नहीं मिल रही है। शहर के लोगों को आज भी बाहर जाना पड़ रहा है आज भी मेरे पास एक मरीज आया हमने कुछ जांचो के लिए उसको बाहर भेजा है।
डॉ सुनील शर्मा

पता नहीं क्यों जनप्रतिनिधि ही इस पर सहमत नहीं हो पा रहे हैं.जब सुपर स्पेशियलिटी बिल्डिंग बन ही गई है। तो इसको ठीक से चालू कर दिया जाए। इससे शहर के लोगों को सुविधा ही मिलेगी लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि इस पर बात ही नहीं करता।
डॉ अनुपम

एसएन में सुपर स्पेशियलिटी विंग बन गई है। इसको अब जल्दी से चालू कर दिया जाए। जिससे शहर के लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं भटकना पड़ेगा। काफी हद तक शहर के लोगों की इलाज की दिक्कत कम होगी।
शिव पाराशर व्यापारी

एसएन में अगर क्रिटिकल ऑपरेशन शुरू हो जाएं तो शहर के मरीजों को दूसरे शहरों में नहीं जाना पड़ेगा। पता नहीं क्यों इस विंग को शोपीस बनाए कर छोड़ दिया गया है
राव हरेंद्र परमार


केंद्र सरकार की हाइट्स नामक संस्था इस पर काम कर रही है। संस्था का ऑथराइज्ड पर्सन उपकरणों की जांच के लिए जाता है। उनके द्वारा वेरिफाई करने के बाद तभी साइट पर आती है। ये प्रोसेस पूरा हो चुका है। जल्दी ही सभी सुविधाएं शुरू कर दी जाएंगी।

डॉ। प्रशांत गुप्ता प्रिंसिपल एसएनएमसी आगरा