नन्हे वैज्ञानिकों ने तैयार किए आक र्षक मॉडल
इस विज्ञान प्रदर्शनी में क्लास 9 से 12 तक के स्टूडेंट्स ने बायो, फिजिक्स, केमिस्ट्री एवं मैथ्स के करीब 150 आकर्षक मॉडल तैयार किए। विज्ञान प्रदर्शनी के संबंध में विज्ञान के शिक्षक संजय शर्मा ने जानकारी शेयर की। निर्णायक मंडल में शांति पब्लिक स्कूल के प्रधानाचार्य एचएन चतुर्वेदी, सेंट कॉनरेड्स स्कूल से अर्श नारंग, सुमित राहुल स्कूल से राखी चौधरी और स्वीटी माथुर एवं सेंट कॉनरेड स्कूल से सुनील मलिक उपस्थित रहे।

पानी की वेस्टेज बन सकती है बड़ी मुसीबत
इस एग्जीबिशन में छात्रों ने अपनी प्रतिभा को प्रदर्शित करते हुए कई मॉडल्स बनाएं। 9 वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स ने वाटर हार्वेस्टिंग का मॉडल बनाकर जल संरक्षण का संदेश दिया।


पानी से चलने वाली कार का मॉडल
छात्र अनिकेत और आकाश ने पानी से चलने वाली कार तैयार की, छात्रों ने बताया कि भविष्य में प्रदूषण के चलते पेट्रोल और डीजल के वाहनों को बंद किया जा सकता है, तब पानी से कार को चलाने पर प्रदूषण से मुक्ति मिल सकेगी। छात्रों ने खराब सीडी से और लकड़ी की स्टिक के जरिए कार का स्ट्रैक्चर तैयार किया, जिसमें ऊपर से पानी डालने से कार मूवमेंट करती है।

किताबी ज्ञान के साथ प्रेक्टिकल नॉलेज जरूरी
होली पब्लिक स्कूल के चेयरमैन संजय तोमर, स्कूल प्रिंसिपल ज्ञानेंद्र कुमार ने कहा कि नई शिक्षा के तहत बच्चों को किताबी ज्ञान के साथ-साथ प्रेक्टिकल शिक्षा देना बेहद जरूरी है।
प्रतियोगिता के परिणाम कल घोषित किए जाएंगे। प्रदर्शनी में एंकरिंग हर्षा शर्मा के द्वारा की गई। इस अवसर पर स्कूल के प्रधानाचार्य ज्ञानेंद्र कुमार, सिटी को-ऑर्डिनेटर रिचा शर्मा, सीनियर को-ऑर्डिनेटर नूपुर कुलश्रेष्ठ एवं विज्ञान के समस्त शिक्षक, शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।


लर्निंग विद डुइंग बच्चों के लिए शिक्षण पद्धति को और भी बेहतर व आसान बनाता है। इस प्रकार के मंच बच्चों के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। किताबी नॉलेज के साथ प्रेक्टिकल नॉलेज जरूरी है।
संजय तोमर, चेयरमैन, होली पब्लिक स्कूल


खराब पानी को यूज किया जा सकता है, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के जरिए पानी को रीसाइकिल किया ताजा है, इसके बाद उस पानी को शुद्ध कर इस्तेमाल किया जा सकता है।
सान्या, छात्रा


साइंस के टीचर्स का सहयोग रहा है, इस मॉडल को तैयार करने में तीन दिन का समय लगा है। आने वाले समय में पानी एक बड़ी समस्या हो सकती है।
हर्षिता, छात्रा