बुक्स और फीस की सैकड़ों कंप्लेन
नया सेशन शुरू होने के बाद स्कूलों में पढ़ाई शुरू हो गई है। वहीं बुक्स, डे्रस कर खरीदारी शुरू हो चुकी है। ऐसे में स्कूल संचालक की सह पर कमीश्न का खेल जारी है। शहर के कुछ बड़े स्कूलों द्वारा बुक्स सेट पर सौ फीसदी से अधिक वृद्धि की गई है, वहीं, कुछ में 75 फीसदी इजाफा किया गया है। इस संबंध में बेसिक शिक्षा विभाग, जिला विद्यालय निरीक्षक और डीएम भानुचंद्र गोस्वामी से शिकायत की गई है।

रद्दी की टोकरी मेें कचरा बनी कंप्लेन
स्कूल संचालक और दुकानदारों की मनमानी इस वर्ष भी जारी है। पिछले वर्ष आरटीई, राइट टू इनर्फोमेशन में सामने आए तथ्य के अनुसार पेरेंट्स और सामाजिक संगठनों ने 150 से अधिक शिकायतें की गई थीं, ये सभी शिकायत स्कूल की मनमानी और बुक्स, ड्रेस के विरोध में की गईं थीं। इन सभी शिकायतों मेें अधिकतर केवल पत्र जारी किए गए थे, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

दस फीसदी रेट कम करने के आदेश
स्कूल्स की मनमानी को लेकर पेरेंट्स और सामाजिक संगठनों ने शिक्षा विभाग के अधिकारी और डीएम भानुचंद्र गोस्वामी से शिक ायत की है। इस मामले को संज्ञान में लेते हुए डीएम ने सभी स्कूलों को दस फीसदी बुक्स पर रेट कम करने के आदेश स्कूल को जारी किए गए हैं। जबकि शासनादेश के अनुसार स्कूल में केवल एनसीईआरटी की ही बुक्स लगाने के आदेश हैं, ऐसे में दस फीसदी रेट बुक सेट पर कम करने के स्थान पर डीएम भानुचंद्र गोस्वामी को स्कूल में प्राइवेट बुक्स लगाने पर कार्रवाई करनी चाहिए।

अधिकतर पेरेंट्स खरीद चुके हैं बुक्स, ड्रेस
एक अप्रैल से नया सेशन शुरू होने के बाद मार्च में पेरेंट्स को बुक्स सेट खरीदने के आदेश दिए गए, जिसमें यह भी बताया गया कि आपको बुक्स किस शॉप से खरीदनी है। बुक्स खत्म न हो जाए ये ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स ने बुक सेट, बैग और डे्रस खरीद लीं, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि बुक सेट खत्म होने के बाद एक या दो से अधिक बुक सेट मेेंं कम हो जाती है, इसको लेकर पेरेंट़्स को दुकान के चक्कर लगाने पढ़ते हैं, वहीं बच्चे की पढाई भी प्रभावित होती है। यही कारण है कि अप्रैल के शुरू में 80 फीसदी पेरेंट्स बुक सेट को खरीद चुके होते हैं।


अब कैसे करें बुक्स वापस
संजय प्लेस स्थित एक बड़े स्कूल ने डीएम भानुचंद्र गोस्वामी के आदेश के बाद स्कूल ने दो बुक्स को कम करने के आदेश दिए। बुक्स की कीमत 750 रुपए है, ऐसे में बुक्स सेट खरीदने के बाद स्टूडेंट्स और पेरेंट्स ने बुक सेट पर नाम लिखकर स्लिप लगा दी है, ऐसे में स्कूल ने उन बुक्स को वापस करने से इंकार कर दिया है।