- ई-चालान और आरटीओ की कार्रवाई से बचने को नम्बर प्लेट पर लिख रहे हैं गलत नम्बर

- नोटिस घर पहुंचने पर हकीकत आती है सामने, असली मालिक होता है परेशान

आगरा। व्हीकल एक्ट के तहत जुर्माना राशि बढ़ चुकी है। टै्रफिक पुलिस और आरटीओ विभाग लगातार हेलमेट, सीटबेल्ट, पॉल्यूशन आदि को लेकर भारी भरकम जुर्माना ठोक रहा है। इससे बचने के लिए शहरवासियों ने नया तरीका निकाला है। ऑन लाइन और आरटीओ द्वारा किए जा रहे चालान से बचने के लिए या तो नम्बर प्लेट पर एक नम्बर बदल दे रहे हैं तो कई वाहनों पर अन्य वाहनों का नम्बर अंकित कर चला रहे हैं। इससे चालान कहीं की जगह कहीं पहुंच रहा है। चालान की फीस जमा करने पहुंचने पर लोगों के सामने हकीकत आ रही है। इससे सर्वाधिक परेशान ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ है।

एक नम्बर बदलते ही बदल जाता है मालिक

एआरटीओ अनिल कुमार सिंह का कहना है कि नम्बर प्लेट पर एक नम्बर बदल देने से गाड़ी का मालिक ही बदल जाता है। अगर ऑनलाइन चालन होता है तो चालान अन्य व्यक्ति के यहां पर पहुंच जाता है। जब चालान पर प्रिंट फोटो और गाड़ी मालिक का मिलान नहीं होता है तो संबंधित विभाग के लिए परेशानी खड़ी हो जाती है। इस स्थिति में केवल चालान पर प्रिंट फोटो के आधार पर उस व्यक्ति तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है। ऑनलाइन चालान प्रक्रिया से बचने को लोग यह सब कुछ कर रहे हैं।

इस तरह कर रहे हैं गड़बड़ी

- चालान से बचने के लिए वाहनों का नम्बर प्लेट बदलकर चल रहे हैं

- नम्बर प्लेट पर आगे पीछे कोई एक अंक बदल देते हैं

- नाम पता बताने के दौरान गलत जानकारी दी जा रही है, जिससे पहचान नहीं हो सके

- कुछ लोग गलत मोबाइल नम्बर दर्ज करा देते हैं, जिससे सही व्यक्ति को खोजने में दिक्कत आती है।

- सिस्टम पर जब जांच की जाती है तो असलियत सामने आती है। इसमें भी काफी समय लग जाता है।

- गलत चालान होने से असली ऑनर को बेवजह परेशान होना पड़ता है। उन्हें फिर टै्रफिक पुलिस के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

केस नम्बर एक

एक्टिवा गाड़ी नम्बर यूपी 80 डीजेड 7131 का ई-चालान हो जाता है। जब ई-चालान घर पर पहुंचता है तब इस नम्बर का मालिक देखकर चौंक जाता है। क्योंकि जिस एक्टिवा का ई-चालान आया है वह उसकी है ही नहीं। एक्टिवा का कलर सेम है, लेकिन चालक और एक्टिवा मैच नहीं कर रही है। केवल नम्बर मैच कर रहा है। जिस एक्टिवा का नम्बर है, उस एक्टिवा पर गाड़ी की ओर नम्बर प्लेट नहीं है, जबकि फर्जी एक्टिवा पर गाड़ी नम्बर अंकित है और उसी के आधार पर चालान हुआ है।

केस नम्बर दो

स्थान सिकंदरा थाना। पीटीओ राजेश मोहन चैकिंग कर रहे होते हैं। उसी दौरान हीरो कंपनी की बाइक आती है। बाइक चालक के पास हेलमेट नहीं होता है, उसे रोक लिया जाता है। वह व्यक्ति थाना अछनेरा का है। बाइक के नम्बर के आधार पर चालान काट दिया जाता है। इसका चालान जब गाड़ी के मालिक के पास पहुंचता है तो वह कोई और होता है। इससे असली नंबर की गाड़ी का मालिक को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

इस प्रकार के दर्जनों केस आरटीओ ऑफिस में दर्ज हैं। गाड़ी नम्बर के आधार पर कार्यालय में एड्रेंस कुछ और दर्ज है और चालान के दौरान दर्ज कराया गया एड्रेस कुछ और है। नोटिस भेजा जा रहा है, लेकिन कोई नहीं पहुंच रहा है।

इस प्रकार की समस्या सामने आ रही है। लोग चालान की कार्रवाई से बचने के लिए नम्बर प्लेट पर एक नम्बर गलत दर्ज कर लेते हैं, जिससे काफी दिक्कतें आती हैं। पकड़ में आने पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अनिल कुमार

एआरटीओ, प्रशासन