आगरा(ब्यूरो)। ऐसी महिलाओं को यूरिन ट्रैक्ट इंफेक्शन (यूटीआई) से लेकर गंभीर बीमारियों तक सामना करना पड़ता है। इसके अलावा गंदे टॉयलेट से महिलाओं के साथ-साथ पुरुषों को भी बीमारियों का सामना करना पड़ता है। शहर में 30 परसेंट लोगों को डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से पब्लिक टॉयलेट न होने या गंदे होने से बीमारी का सामना करना पड़ता है।

जानलेवा भी हो सकता है

सीनियर गायनोकोलॉजिस्ट डॉ। सुनीता भागिया बताती हैैं कि हम यदि रोज 100 मरीज देखते हैैं तो इनमें से 30 मरीज यूरिन इंफेक्शन से जुड़ी समस्याओं के ही होते हैैं। उन्होंने बताया कि वैसे तो इसमें पर्सनल हाईजीन सबसे ज्यादा मायने रखता है लेकिन टॉयलेट रोकने और पानी कम पीने के कारण लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है। उन्होंने बताया कि टॉयलेट रोकने पर वह यूरिनरी ब्लडर में पड़ा रहता है। पेशाब रोकने की वजह से यूरिनरी इंफेक्शन हो जाता है। कई बार यह ऊपर की तरफ भी जा सकता है, ऐसे में किडनी में इंफेक्शन हो सकता है।
रवि वुमंस हॉस्पिटल की डॉ। रजनी पचौरी ने बताया कि यूरिन इंफेक्शन होने के सामान्य लक्षण पेशाब में जलन होना, पेशान जाने पर पेशाब न आना, यूरिन पास करते समय दर्द होना, बुखार आना, पीठ में दर्द होना हैैं। यदि किसी को भी यह लक्षण नजर आएं तो वह डॉक्टर से संपर्क करें। शुरूआत में उपचार कराने से यूरिन इंफेक्शन एक से दो सप्ताह तक दवा खाने से ठीक हो सकता है। लापरवाही करने पर यह समस्या और अधिक बढ़ सकती है। ट्रीटमेंट न मिलने से यह जानलेवा भी हो सकता है।

डॉ। सुनीता भागिया ने बताया कि यदि महिलाएं गंदा वेस्टर्न टॉयलेट यूज करती हैैं तो उन्हें यूरिन इंफेक्शन हो सकता है। लापरवाही करने पर यह इंफेक्शन यूरेथ्रल ओपनिंग से होकर योनि में जा सकता है। इससे महिलाओं को बच्चेदानी में सूजन भी आ जाती है। जब यह इंफेक्शन किडनी तक पहुंच जाता है तो इलैक्ट्रोलाइट्स इंबैलेंस हो जाते हैैं। इससे ब्लड प्रेशर भी अनियंत्रित हो जाता है। इसके बाद में यह पूरी साइकिल बन जाती है और मरीज गंभीर होने लगता है। इसलिए शुरूआत में ही लक्षण दिखने पर डॉक्टर से ट्रीटमेंट ले लें।

हर दूसरा व्यक्ति स्टोन की समस्या से पीडि़त
डॉ। भागिया ने बताया कि आमतौर पर पानी कम पीने से स्टोन बनने के चांस रहते हैैं। इससे कंस्ट्रेटेड यूरिन हो जाता है। यूरिन में क्रिस्टिल, कास्ट आदि मिलकर स्टोन बना सकते हैैं। आजकल स्टोन के मरीजों की समस्या बहुत बढ़ रही है। इसमें पानी कम पीना सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने बताया कि सर्दियों और बारिश के सीजन में ऐसे मरीजों की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है।

महिलाओं में यूरिन इंफेक्शन के लक्षण
- पेशाब में जलन होना
- पेशाब जाने पर पेशाब न आना
- पेशाब करते समय दर्द होना
- बुखार आना
- पीठ में दर्द होना हैैं।

समय से उपचार न होने पर हो सकती है यह समस्या
- किडनी में इंफेक्शन
- बॉडी में इलैक्ट्रलाइट्स इंबैलेंस होना
- ब्लड प्रेशर अनियंत्रित होना
- स्टोन होना

30 परसेंट महिलाओं को हो जाता है यूरिनरी इंफेक्शन
50 परसेंट महिलाएं पीती हैैं कम पानी
10 परसेंट महिलाओं को हो जाते हैैं गंभीर रोग

यदि हम दस मरीज देखते हैैं तो इनमें से तीन मरीज यूरिनरी इंफेक्शन के होते हैैं। पानी कम पीना और गंदे टॉयलेट्स यूज करने से यह समस्या ज्यादा होती है।


यूरिन इंफेक्शन होने पर शुरूआत में ही डॉक्टर से सलाह ले ली जाए तो मरीज एक से दो सप्ताह में स्वस्थ हो जाता है, यदि इसमें लापरवाही की जाए तो यह गंभीर रूप ले सकता है।
- डॉ। रजनी पचौरी, रवि वुमंस हॉस्पिटल

सोशल मीडिया पर शेयर किए व्यू
घर से बाहर जाते हैैं तो घर से ही फ्रेश होकर निकलना पड़ता हैं। बाहर टॉयलेट यूज करने का कोई भरोसा नहीं है। पहली बार तो टॉयलेट की मिलना ही मुश्किल हो जाता है। कई बार यूरिन इंफेक्शन हो चुका है।
- सुरभी, दयालबाग

मैैं वर्किंग वीमेन हूं। घर से बाहर कभी टॉयलेट लगता है तो पहले तो रोकने की ही कोशिश रहती है। जब अनकंट्रोल हो जाता है तो आसपास टॉयलेट तलाशना पड़ता है। शॉपिंग मॉल के टॉयलेट में जाना पड़ता है।
- मंजू, सिकंदरा

घर से बाहर जाने पर अगर टॉयलेट जाने की जरूरत पड़ जाती है तो ढूंढने पर भी जल्दी टॉयलेट जल्दी नहीं मिलता है। कई बार तो जिन रास्तों पर टॉयलेट होता है। उन रास्तों को याद रखना पड़ता हैं। शहर में पब्लिक टॉयलेट्स की स्थिति अच्छी नहीं है।
- स्नेहा, राजामंडी

मैैं संजय प्लेस में जॉब करती हूं। इमरजेंसी होने पर मैक्स मॉल का टॉयलेट यूज करना पड़ता है। आसपास के टॉयलेट्स काफी खराब हैैं। कई बार गंदे टॉयलेट ही यूज करने पड़ते हैैं। ऐसे में कई बार यूरिन इंफेक्शन हो जाता है।
- रीता, संजय प्लेस