महोत्सव की शोहरत देश-दुनिया में फैली

उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने शिल्पग्राम के गेट पर फीता काटने के बाद मुख्य मंच पर दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव का शुभारंभ किया। योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने महोत्सव की शुरुआत और वर्तमान स्थिति को देखा है। धीरे-धीरे महोत्सव की शोहरत देश और दुनिया में फैली है। ताज महोत्सव कला, संस्कृति, शिल्पकारी और व्यंजनों का संगम है और जहां संगम होता है, वह अपने आप तीर्थ बन जाता है। ताज महोत्सव पर्यटकों व पर्यटन व्यवसायियों के लिए तीर्थ बन गया है। आगरा में हुई जी-20 की बैठक से आगरा को नया कलेवर मिला है। महोत्सव की थीम विश्व बंधुत्व है। यही हमारा ङ्क्षचतन है। हम विभाजन की राजनीति नहीं करते हैं। ताज महोत्सव ङ्क्षचतन, समन्वय और एकात्मकता का संदेश देता है। यहां आगरावासियों के साथ ही देश के कोने-कोने से शिल्पी और कलाकार आए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ताज महोत्सव भविष्य में भी यूं ही चलता रहेगा। विश्व के लोग यहां आकर लाभान्वित होंगे। अतिथि देवो भव: हमारा आदर्श वाक्य है। महोत्सव में करीब 1500 कलाकार प्रस्तुतियां देंगे और 300 शिल्पी अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। इस मौके पर मंडलायुक्त अमित गुप्ता, डीएम नवनीत ङ्क्षसह चहल, नगरायुक्त निखिल टीकाराम, एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़, सीडीओ ए। मणिकंडन, संयुक्त निदेशक पर्यटन अविनाश चंद्र मिश्र मौजूद रहे।

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स्वागत गीत से हुई शुरूआत

ताज महोत्सव की विश्व बंधुत्व पर आधारित थीम पर सुशील सरित द्वारा रचित गीत ÓÓलेकर मन में भाव विश्व बंधुत्व का, हमने प्रेम के सदा तराने गाए हैं, जहां-जहां रखा है कदम, वहीं हमने फूल शांति और सद्भाव के बिखराए हैंÓ की प्रस्तुति मुख्य मंच पर हुई। गीत को गजल गायक सुधीर नारायन ने राग यमन में संगीतबद्ध किया था। प्रस्तुति देने वालों में दिनेश श्रीवास्तव, देशदीप शर्मा, हर्षित पाठक, मुकुल, सोनू, अंकिता श्रीवास्तव, श्रेया शर्मा, गौरव गोस्वामी, ङ्क्षरकू, ध्रुव, शिवम पचौरी, अमन गोपाल, स्वाति मिश्रा, नैंसी, कीर्तिका, वंदना, प्रेरणा, वंदना वरुण, नेहा पाल, अंजली और आर्ची आदि शामिल थे।

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संस्कृति समाज का प्राण

डीएम नवनीत ङ्क्षसह चहल ने कहा कि पर्यटन अग्रणी उद्योग के रूप में उभरा है। लाखों पर्यटक प्रतिवर्ष आगरा आते हैं। इससे विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है और स्थानीय लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है। संस्कृति किसी भी समाज का प्राण है, इसे अक्षुण्ण बनाकर रखना हमारा कर्तव्य है। महोत्सव में पूरे देश की शिल्प और कला को संजोया गया है।

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यह रहे मौजूद

राकेश चौहान, रमेश वाधवा, संदीप अरोड़ा, शम्सुद्दीन, शांतिस्वरूप, सुरेश खन्ना, दीपक दान, संजय अरोड़ा, अवनीश शिरोमणि और अशोक चौबे आदि मौजूद रहे।

ताज महोत्सव क्राफ्ट, कल्चर और क्यूजिन का संगम है। मैैं इसे शुरूआत से देख रहा हूं। धीरे-धीरे इसकी शोहरत देश और दुनिया में फैली है।

- योगेंद्र उपाध्याय, उच्च शिक्षा मंत्री, यूपी सरकार