आगरा: साइबर क्रिमिनल्स लोगों को नए-नए तरीके अपनाकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। कभी बैंक अधिकारी, कभी इनाम निकलने का झांसा देकर कॉल करते हैं। इतना ही नहीं रिश्तेदार, खरीदार, पीएफ कर्मी या फिर पेंशन ऑफिस से क्लर्क बनकर भी धोखाधड़ी कर रहे हैं। खाते की जानकारी लेकर रकम निकाल और जमा करा लेते हैं। इस तरह से 33 महीनों में दस हजार से अधिक लोग शिकार बन चुके हैं। आगरा जोन में साइबर क्राइम के आंकड़े यह बता रहे हैं। वहीं त्योहारी सीजन में अकेले आगरा में 15 से 20 मामले ठगी के सामने आए हैं।


अनजान कॉल के झांसे में आकर बने ठगी का शिकार
जगदीशपुरा में रहने वाली विद्या देवी को पिछले महीने एक अनजान व्यक्ति का फोन आया। उसने कहा कि आवास लोन मिल सकता है, इसके लिए कुछ कागजों की खानापूर्ति करनी होगी। कागजात कार्यालय में भेजने होंगे। विद्या देवी अनजान व्यक्ति की बातों में आ गईं। उनसे कई बार में 40 हजार रुपए जमा करा लिए, फोन करने वाला अब और रकम मांग रहा है। इस संबंध पीडि़ता द्वारा साइबर सेल में कंप्लेन दर्ज कराई गई है। वहीं लॉयर्स कॉलोनी में रहने वाली शिक्षिका कस्टमर केयर नंबर के झांसे में आ गई, जिसके चलते उनके खाते से तीस हजार रुपए निकल गए।


ओटीपी शेयर किया तो निकले रुपए
भोगीपुरा के रहने वाले असलम के खाते से सात लाख रुपए निकल गए। पीडि़त को 2 सितंबर की सुबह एक अनजान महिला का कॉल आया, ओटीपी शेयर करने पर उनके खाते से एक के बाद एक ट्रांजेक्शन से सात लाख रुपए निकल गए। वहीं केनरा बैंक के एटीएम पर दो युवकों से मदद लेने पर पीडि़त ने पिन नंबर बता दिया। रुपए नहीं निकले तो युवक उसे दो अन्य एटीएम पर ले गए। इसी बीच डेबिट कार्ड बदल दिया। बाद में उसके खाते से बीस हजार रुपए निकाल लिए गए। पीडि़त ने इसकी शिकायत थाने में की है।

साइबर थाने में पांच लाख से कम का मामला नहीं
पुलिस लाइन में तीन साल पहले रेंज साइबर थाना खोला गया है, इसमें साइबर क्राइम के जानकार निरीक्षकों को लगाया गया। इसमें पहले एक लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले दर्ज करने की व्यवस्था की गई। अब पांच लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामलों में साइबर थाना में मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं। इससे कम रकम के मुकदमे पीडि़त के संबंधित थानों में लिखे जा रहे हैं। पीडि़त थानों में मुकदमे दर्ज नहीं करने की शिकायत करते हैं। इसके बाद टीम को मामले की जांच के लिए लगाया जाता है।


पोर्टल, हेल्पलाइन पर करें कंप्लेन
जिला साइबर प्रभारी सुल्तान सिंह के अनुसार साइबर अपराध की घटना होने पर पीडि़त टोल फ्र नंबर 1930 पर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। यूपी 112 पर भी कॉल कर सकते हैं। इन दोनों पर शिकायत सुनी जाएगी। तत्काल कार्रवाई होगी। साइबर क्राइम पोर्टल पर भी अपनी कंप्लेन कर सकते हैं।

अवेयरनेस के अभाव में साइबर फ्रॉड
पुलिस के मुताबिक, स्मार्ट फोन का प्रयोग कर रहे लोग कई बार जानकारी के अभाव में साइबर अपराधी का शिकार बन जाते हैं। अपराधी मोबाइल पर लिंक भेजते हैं, जिस पर क्लिक करते ही मोबाइल हैक हो सकता है। ई वॉलेट में क्यूआर कोड भेजकर भी रकम ट्रांसफर कर लेते हैं।

जोन में वर्ष 2020 से अगस्त 2022 तक का साइबर क्राइम
- कॉल करके, यूपीआई और ई-वॉलेट से रकम निकालना 10,000
- डेबिट-क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी 1500

अनजान कॉल के झांसे में न आएं
लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है। अनजान लोगों के कॉल आने पर झांसे में नहीं आएं। मोबाइल पर आने वाले लिंक पर बिना जानकारी के क्लिक नहीं करें। रिश्तेदार बनकर कोई रुपये मांगे तो कॉल काट दें। थाने से लेकर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं। पुलिस तत्काल मदद करेगी।
- राजीव कृष्ण, एडीजी जोन