आगरा(ब्यूरो)। प्रोजेक्ट के गाइड विजय कट्टा ने बताया कि आजकल युवा पीढ़ी में डिप्रेशन की समस्या बढ़ती जा रही है। इसकी पहचान और समय पर उपचार व्यक्ति के जीवन को बचाने में महत्वपूर्ण है। साथ ही, सोशल मीडिया का उपयोग भी वृद्धि कर रहा है, जिसमें ट्विटर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

ट्वीट्स को विश्लेषण किया

इस अध्ययन के लिए, हमने मशीन लर्निंग और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग तकनीकों का उपयोग करके ट्विटर ट्वीट्स को विश्लेषण किया। यह ट्वीट्स व्यक्ति के भावनात्मक स्थिति, उनकी मानसिक तनाव की स्तर और डिप्रेशन की मौजूदगी का संकेत देते हैं। विभागाध्यक्ष डॉ। मुनीष खन्ना ने सभी छात्रों को बधाई दी, बताया कि मनोवैज्ञानिक हत्याओं के मामलों को कम करने में हमारे मॉडल द्वारा पीडि़त के मानसिक स्थिति का विश्लेषण करके एक महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इस अवसर पर डीन फैकल्टी डॉ। हरेन्द्र सिंह, संस्थान के समस्त विभागध्यक्ष व शिक्षकगण प्रमोद कुमार, ब्रजेष शर्मा, अतुल, गौरव पांडेय, अमित यादव, डॉ। प्रतीक्षा गौतम, पूनम, भूप्रभा, दिवाकर श्रीवास्तव, मनीषा, एवं कर्मचारियों ने सभी छात्राओं को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।