स्कूलों के बाहर नहीं लगे सीसीटीवी कैमरे

आगरा। आज से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। मंदिरों में देवी के नौ रूपों की आराधना शुरू हो जाएगी। लेकिन जहां हम एक ओर देवी मां को प्रसन्न करने के लिए पूजा-अर्चना करते हैं, वहीं दूसरी ओर आसपास देवी के रूपों (बच्चियों-महिलाओं) से बदसलूकी करते हैं।

हर मां डरती है

आज हर मां अपनी बच्ची को घर से बाहर भेजते हुए डरती है। स्कूल जाने वाली एक बच्ची से लेकर अधेड़ उम्र की महिला को रोज कई घूरती हुई नजरों से दो-चार होना पड़ता है। कई लड़कियों को छेड़खानी का शिकार होना पड़ता है। देवी के आगे हर कोई सिर झुकता है, तो हम आसपास मौजूद साक्षात देवियों को सम्मान क्यों नहीं देते? आखिर वह भी तो देवी का रूप हैं।

बॉक्स में

एक वर्ष पहले कमिश्नर द्वारा ही प्रत्येक ग‌र्ल्स स्कूल के बाहर सीसीटीवी कैमरा और छुट्टी के वक्त महिला कांस्टेबल की तैनाती की बात कही गई, लेकिन आज तक इसको अमल में नहीं लाया जा सका।

गजाला सिंह ने बताया कि अगर कोई बदत्तमीजी करता है तो उसके खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है। आपकी चुप्पी उसको दोबारा गलत करने की हिम्मत देती है।

कुसुम ने बताया कि लोगों को अपनी सोच चेंज करनी चाहिए। आज हमें संभल कर चलने की जरूरत नहीं, हम सही हैं अपनी जगह पर। हमारे पहनावे में उन्हें खोट नजर आती है, जबकि जरूरत उन्हें अपनी नजर सही रखने की है। जो चलते-फिरते गलत नजरों से हमें घूरते हैं।

सुलेखा ने बताया कि हमें चुप रहने की जरूरत नहीं है। ईट का जवाब जब पत्थर से देंगे तब ही काम चलेगा। देवी ने भी तो हर रूप रखा है। देवी अगर शीतला का अवतार है तो वह वक्त आने पर चामुंडा भी बन जाती है।

नगमा ने बताया कि पलट कर जवाब देना होगा। अपनी सेफ्टी खुद करनी होगी। हम किसी पुलिस के सहारे नहीं रह सकते।

तनु ने बताया कि हमारी मदर को हमें समझाने के बजाय अपने बेटे को समझाना जरूरी है। घरवालों के संस्कार ही उन्हें सही राह पर ला सकते हैं। इसी से वह हमें सम्मान देना सीख सकेंगे।

दिशा ने बताया कि छेड़खानी करने वाले लड़को को सजा मिलनी चाहिए। अगर हम एक बार उनकी गलतियों पर पर्दा डाल देंगे तो वह अगले दिन फिर परेशान करेंगे। अब वक्त चुप रहने का नहीं बल्कि पलट कर जवाब देने का है।