- विश्वविद्यालय में लॉगिन खोलने के विवाद में उतारा था क्लर्क को मौत के घाट

- कोर्ट ने किया आरोपी को बरी, पुलिस पर कमजोर चार्जशीट तैयार करने का आरोप

आगरा। सतेंद्र हत्याकांड में आरोपी को बरी किए जाने पर परिजनों ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए। उनका कहना है कि पुलिस ने इस केस की पैरवी ठीक से नहीं की। वहीं, इसको लेकर विवि कर्मचारियों में भी रोष है। उन्होंने पुन: जांच की मांग की है। मामले को गंभीरता से नहीं लेने अनिश्चितकाल के लिए विवि बंद करने की चेतावनी दी है। बता दें, छह महीने पहले विवि कर्मचारी की गोलीमार कर हत्याकर दी गई थी।

सीसीटीवी कैद हुआ था विवाद

विवि कर्मी सतेंद्र के परिजनों ने हत्या का आरोप इटावा के कॉलेज संचालक ओमेन्द्र पर लगाया था। मृतक के भाई दिनेश का कहना है कि घटना से पूर्व ओमेन्द्र ने सतेन्द्र से घर पर बात की थी। इसमें दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। ओमेन्द्र ने देख लेने की धमकी दी थी। ये सारा मामला

सतेन्द्र के घर पर लगे सीसीटीवी में कैद हुआ था। जिसे कोर्ट में पेश किया गया।

लॉगिन खोलने का था दबाव

विवि ने फीस जमा नहीं करने वाले कॉलेजों को काली सूची में शामिल किया था, जिसमें उक्त कॉलेजों को परीक्षा में शामिल नहीं करने की धमकी भी दी थी। मृतक के भाई दिनेश कुमार का आरोप है कि

ओमेन्द्र ने अपने कॉलेज का लॉगिन खुलवाने के लिए दबाव बनाया था। जब किसी भी तरीके से बात नहीं बनी तो ओमेन्द्र सिंह ने खुद सतेन्द्र से मुलाकात की थी। परिजनों का कहना है कि इसके बाद सतेंद्र को मौत के घाट उतारा गया। वहीं, विवि एससी-एसटी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आनंद टाइटलर ने इस संबंध में पुन: जांच कराने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया गया तो विवि अनिश्चित काल के लिए बंद किया जाएगा।

विवि के पास उतारा था मौत के घाट

डॉ। भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी में ‌र्क्लक सतेन्द्र की छह महीने पूर्व अज्ञात लोगों ने पालीवॉल पार्क के पास गोलीमार कर हत्याकर दी थी। मामले में इटावा के कॉलेज संचालक ओमेन्द्र सिंह पर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया। जेल भेज दिया गया। बाद में न्यायालय द्वारा ओमन्द्र को बरी कर दिया गया। मृतक के परिजन इसे ओमेन्द्र की ऊंची पहुंच बता रहे हैं .उनका कहना है कि पुलिस ने

कमजोर चार्जशीट तैयार की, जिसके चलते ओमेन्द्र को क्लीनचिट मिली।