- थाना खेरागढ़ के गांव विधौली का मामला, नील गाय का शिकार कर रहे थे ऊंट सवार

- परिजनों ने तहरीर में शिकार की बात नहीं कही, पुलिस ने दर्ज किया हत्या का मुकदमा

आगरा। थाना खेरागढ़ के गांव विधौली में रविवार सुबह नील गाय का शिकार कर रहे शिकारियों की गोली किसान के जा लगी। गोली लगते ही किसान की मौत हो गई। ग्रामीणों ने शिकारियों का पीछा किया, तीन ऊंट व की महिलाओं को पकड़ लिया। पुलिस के हवाले कर दिया। मामले में पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया है।

पशुओं का चारा लेने गए थे

गांव विधौली निवासी 45 वर्षीय विजय सिंह किसान था। गांव में पत्नी रामसखी, पांच बेटी व एक बेटे के साथ रहते थे। रविवार सुबह साढ़े 11 बजे घर से एक किमी। दूर वह खेत में पशुओं के लिए चारा काटने गए थे। उस दौरान पहाड़ी कला की तरफ से चार ऊंटों पर सात-आठ सवार लोग आए। इनमें महिलाएं भी शामिल थीं। नील गाय देख दो युवकों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। किसान के भाई केदार ने बताया कि लगातार चली गोलियों में एक गोली विजय सिंह के सीने और पैर में लगी। किसान जमीन पर गिर गया। अस्पताल लाने के दौरान उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।

शिकारियों के पीछे दौड़े ग्रामीण

गोलियों की आवाज सुन आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे। तब तक किसान की मौत हो चुकी थी। ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। हंगामा कर दिया। शिकारियों के पीछे दौड़ लगा दी। ग्रामीणों को आता देख शिकारी ऊंटों से कूद गए और बाइक पर बैठ कर भाग निकले। केदार के मुताबिक करीब 10 युवक बाइक पर बैठ कर भाग गए। मौके पर तीन ऊंट व चार-पांच महिलाओं को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

जनवरी में थी दो बेटियों की शादी

किसान बेटियों की शादी की तैयारी में जुटा था। बेटी भावना व करीना की शादी जनवरी में होनी है। एक बड़ी बेटी की शादी हो चुकी है। थाना खेरागढ़ इंस्पेक्टर अर्जुन लाल वर्मा कोमृतक के भाई साहब सिंह ने इस मामले में तहरीर दी है। तहरीर दो नामजद समेत अज्ञातों के खिलाफ दी गई है। शिकार करने की बात तहरीर में नहीं है। हत्या के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी ग्रामीण बबिता साहू के मुताबिक इस तरह से शिकार करने की अनुमति नहीं है। शिकार करने पर 5-वन्य जीव अधिनियम के अंतर्गत सजा का प्रावधान है। मृतक के परिवार ने जो तहरीर दी उसके अनुसार मुकदमा दर्ज किया गया है। छानबीन में कुछ और निकलता है, तो उसे भी शामिल किया जाएगा।

साथ में था भाई

घटना के दौरान मृतक का भाई पूर्व प्रधान साहब सिंह साथ था। मृतक के भाई केदार ने बताया कि उस दौरान भाई साहब सिंह ने शिकारियों से मना किया था, लेकिन वह माने नहीं। भाई केदार ने बताया कि गांव में एक विशेष जाति के लोग रहते हैं, जो शिकार कर मांस बेचते हैं। इससे ही गुजर-बसर भी करते हैं। मृतक आठ भाइयों में सातवें नंबर का था।