आगरा। कभी ओलावृष्टि। कभी इन्द्रदेव का प्रकोप। कभी आंधी-तूफान। शासन-प्रशासन की बेरुखी पिछले दो वर्षो से इन दुश्वारियों को झेल रहा अन्नदाता इस बार खुश है। पिछले तीन दिनों की लगातार बारिश ने उनके सपनों को पंख लगा दिए हैं। अब अन्नदाता खरीफ की फसल की तैयारी में जुट गया है। खरीफ फसल से पिछले घाटे की भरपाई का सपना संजोए बैठे किसान को बल मिला है।

सूखे और ओलावृष्टि में पांच दर्जन से ज्यादा किसानों ने जान गवांई

पिछले दो वर्ष से सूखे और ओलावृष्टि की मार झेल रहे जिले के किसानों पिछली बार से अभी उबर नहीं पाए हैं। गत वर्ष जिले में पांच दर्जन से ज्यादा किसानों ने फसल नष्ट होने पर मौत को गले लगा लिया था। सूदखोरों से कर्ज लेकर फसल उगाने वाले किसानों को जब सात सौ रुपये मुआवजा मिला तो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई थी। इस दौरान कई हार्ट अटैक से दम तोड़ गए थे।

इन फसलों के लिए फायदेमंद है बारिश

इस समय खेतों में ज्वार, बाजरा, लोबिया, ग्वार, मक्का, धान, तोरई, लौकी, टिंडा, भिन्डी, काशीफल आदि की फसल को इस बारिश से लाभ मिलेगा। अभी खेतों में पानी भरा हुआ है। इसकी नमी कई दिनों तक रहेगी। आगे भी अच्छी बारिश की उम्मीद की जा रही है।