ताऊ ते तूफान का दिखा ताजनगरी में भी असर

सुबह से देररात तक हुई रुक-रुककर बारिश

कई जगह हुआ जलभराव, लोगों को हुई परेशानी

आगरा। ताऊ ते तूफान का असर बुधवार को ताजनगरी में भी दिखाई दिया। दिन भर रुक-रुक कर बारिश होती रही। नालों की सफाई न होने के चलते कई क्षेत्रों में जलभराव हो गया। पानी भरने से लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। जरा सी बारिश में जहां जलभराव हुआ इनमें प्रमुख रूप से खेरिया मोड़, बुद्धा का नगला, आवास विकास कॉलोनी सेक्टर एक, तीन और चार, पुराना शहर के कुछ हिस्से और यमुनापार के कुछ हिस्से शामिल हैं। ऐसे में दक्षिण-पश्चिम मानसून आने पर तो और भी हालात बिगड़ेंगे।

यह हैं प्रमुख नाले

अमर सिंह गेट नाला

लंगड़े की चौकी नाला

औलिया रोड नाला

नाला काजीपाड़ा

भैरों का नाला

एसएन मेडिकल कॉलेज का नाला

जीवनी मंडी नाला

फ्रीगंज नाला

नाला कंसखार

हसनपुर नाला

नाला राजश्री

बड़ा नाला यमुनापार

वंदना फैक्ट्री नाला

शहर के 21 बड़े नालों की ठीक तरीके से सफाई होने से छोटे नाले ओवरफ्लो नहीं करेंगे। नालों की सफाई अंतिम छोर से शुरुआत तक होनी चाहिए। नगर निगम प्रशासन द्वारा नाला सफाई में लापरवाही बरती जा रही है। सफाई होने की जानकारी पार्षदों को नहीं दी जाती है। निरीक्षण के नाम पर रस्म अदायगी की जाती है।

रवि माथुर, पार्षद

मेयर नवीन जैन की मेहनत पर अफसर पानी फेर रहे हैं। ठीक तरीके से नालों की सफाई नहीं हो रही है। शासन ने नाला सफाई की अवधि 15 अप्रैल से 15 जून तक तय कर रखी है।

राकेश जैन, पार्षद

नाला ठीक से साफ न होने पर जलभराव होता है। इससे जनता को परेशान होना पड़ता है। शिकायतों के बाद भी नालों की ठीक तरीके से सफाई नहीं की जाती है।

मनोज सोनी, पार्षद

नालों की सफाई में रस्म अदायगी की जाती है। नाले अंतिम छोर से शुरू तक साफ होने चाहिए, जबकि नाले टुकड़ों में साफ किए जाते हैं।

प्रताप सिंह गुर्जर, पार्षद

नालों की सफाई हुई या नहीं, इसका सत्यापन ठीक तरीके से होना चाहिए। लापरवाही बरतने वाले अफसरों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

विकलेश यादव, पार्षद

नहीं उठाई सिल्ट, वापस नाले में गई

पिछले दिनों नगर निगम की टीम ने मानसिक स्वास्थ्य संस्थान रोड सहित कई अन्य नालों की सफाई टुकड़ों में की थी। नाला साफ करने के बाद सिल्ट को रोड के किनारे फेंक दिया गया था। बुधवार को बारिश के चलते यह सिल्ट वापस नालों में चली गई।

निगम की कार्यशैली पर सवाल

जलभराव होने पर पार्षदों ने नगर निगम के अफसरों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए हैं। उनका कहना है कि निर्धारित समय पर नालों की सफाई शुरू नहीं की गई। वहीं 25 दिनों के भीतर 21 बड़े और 300 छोटे नालों की सफाई आसान नहीं होगी।

बड़े हिस्से में डाली सीवर और पाइपलाइन

हाल ही में शहर के बड़े हिस्से में सीवर और पानी की पाइपलाइन डाली गई है। कई एरियाज में अब भी काम चल रहा है। सड़कें खुदी पड़ी हैं, तो कहीं डामर गायब होकर सिर्फ मिट्टी ही दिखाई देती है। यहां पहली बारिश में हालात खराब हो गए। कई जगह वाहनों के पहिये गड्ढों में फंस गए। इसके चलते लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा.्र

बारिश ने सुधारी ताजनगरी में वायु गुणवत्ता

आगरा: ताजनगरी में दो दिन से रुक-रुक कर हो रही बूंदाबांदी और बारिश ने मौसम को खुशनुमा बनाने के साथ वायु गुणवत्ता को भी सुधार दिया है। बुधवार को यहां वायु गुणवत्ता संतोषजनक स्थिति में दर्ज की गई। हवा में घुले अति सूक्ष्म कणों की मात्रा में भी गिरावट आई है। संजय प्लेस स्थित आटोमेटिक मानीट¨रग स्टेशन पर एकत्र आंकड़ों के आधार पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा आगरा में वायु गुणवत्ता की स्थिति पर रिपोर्ट जारी की जाती है। इसके अनुसार बुधवार को आगरा में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 57 दर्ज किया गया। रविवार को वायु गुणवत्ता मध्यम स्थिति में और एक्यूआई 106 रहा था। हवा में घुले अति सूक्ष्म कणों की अधिकतम मात्रा मानक 60 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से थोड़ा अधिक रही। पिछले वर्ष 19 मई को एक्यूआई 131 रहा था।