- पीडि़त नहीं तो पुलिस करेगी मुकदमा दर्ज

- जांच में दोषी पाए जाने पर होंगे बर्खास्त

आगरा। दिल्ली के बिल्डर को लूटने वाले ट्रैफिक के सिपाहियों की मुसीबत और बढ़ने वाली है। आईजी सुजीत पांडेय ने मामले में जांच बैठा दी है। साथ ही मामले में अब पुलिस द्वारा मुकदमा भी दर्ज किया जाएगा। दूसरी तरफ बिल्डर की भी मुश्किल बढ़ सकती है। धन के सोर्स की जानकारी हो सकती है।

ईडी अफसर होने का दिया था झांसा

आगरा ट्रैफिक पुलिस के सिपाही राघवेंद्र सिंह व भरत मिश्रा ने खुद को ईडी अफसर बताकर दिल्ली के एक बिल्डर को झांसे में लिया था। फीरोजाबाद के पास रुपयों से भरा बैग लेकर रफूचक्कर हो गए। मामले को आईजी जोन सुजीत पाण्डेय ने गंभीरता से लिया। इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। पीडि़त के इस मामले में मुकदमा दर्ज कराने से हाथ खड़े करने पर पुलिस अब अपने स्तर से मुकदमा दर्ज करने की तैयारी कर रही है। आईजी का कहना है कि यदि पीडि़त मुकदमा दर्ज नहीं करेगा, तो पुलिस अपनी तरफ से मुकदमा दर्ज करेगी। मामले में जांच बैठने के बाद आरोपी सिपाहियों के पसीने छूटने लगे हैं। जांच में यदि सिपाहियों पर दोष सिद्ध हुआ, तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा।

दोनों पक्षों की बढ़ी मुसीबत

सिपाहियों ने बिल्डर का 85 में से 23 लाख रुपया वापस नहीं किया। यही 23 लाख अब उनके गले की फांस बनने वाला है। 23 लाख की जानकारी की जा रही है कि सिपाहियों ने किन खातों में जमा करा दिए। बिल्डर के पास 85 लाख की रकम का अभी तक हिसाब पता नहीं चला है। मामला दबाने के लिए उसने मुकदमा भी नहीं कराया, लेकिन शिकायत होने के बाद मामला उजागर हो गया। सूत्रों की मानें तो बिल्डर के पास मिली रकम की भी जांच शुरू हो सकती है।