आगरा। फोम, लकड़ी और प्लास्टिक का सामान होने के चलते लपटों ने विकराल रूप लेे लिया। इमारत में धुआं भरने पर कर्मचारियों को जान बचाकर वहां से भागना पड़ा। दमकल की गाड़ी मौके पर पहुंची, तब तक लपटें तीन मंजिला फर्नीचर शोरूम को पूरी तरह से अपनी चपेट में ले चुकी थीं। बराबर में ही मंगलम एस्टेट निवासी सतीश चंद गोयल का होम फर्नीचर एंड डेकोर के नाम से तीन मंजिला शोरूम है। इस इमारत में भी धुआं भर गया। दीवार गर्म होकर फटने की आशंका से वहां के कर्मचारी दहशत में आ गए। उन्होंने सारा फर्नीचर आनन-फानन में बाहर निकालकर सुरक्षित जगह पर रखना शुरू कर दिया। दमकलकर्मी शोरूम की छत पर पहुंच गए।

कई थानों का फोर्स पहुंचा
दीवार ठंडी करने के साथ शोरूम में लगी आग को काबू करने की कोशिश में जुटे रहे। एसपी सिटी विकास कुमार के अलावा कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। पुलिस ने भगवान टॉकीज फ्लाई ओवर और लॉयर्स कालोनी मोड़ से सर्विस रोड पर आने वाला ट्रैफिक रोक दिया। वाहनों को हाईवे से होकर निकाला गया, जिससे आईएसबीटी से भगवान टॉकीज फ्लाईओवर ब्रिज तक जाम लगा रहा। करीब तीन घंटे तक सर्विस रोड पर आवागमन बंद रहा। बराबर वाले फर्नीचर शोरूम की छत से सात दमकलों ने करीब चार घंटे प्रयास के बाद आग को काबू में किया। वहीं, शाहगंज के नरीपुरा में भी दोपहर में मंगलम मैरिज होम में आग लग गई। जिसे करीब एक घंटे के प्रयास के बाद काबू किया जा सका।

- 8 दमकलों ने मौके पर संभाला मोर्चा
- 4 घंटे बाद लपटों पर पाया जा सका काबू
- 32 कर्मचारी आग बुझाने में जुटे रहे

फर्नीचर शोरूम में आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट बताया गया है। इसकी जांच की जा रही है।
-अक्षय रंजन शर्मा, मुख्य अग्निशमन अधिकारी


कमरे में धुआं देख नाती को लेकर दौड़ीं शीला
आगरा. रोज की तरह ही 60 वर्षीय शीला देवी अपने घर में मौजूद थीं। अचानक से उनके कमरे में धुआं भरने लगा। घर में गैस का चूल्हा है, उन्हें लगा कि गली में किसी ने कूड़ा जला दिया है। वे पहले भी कई बार गली में कूड़ा जलाने पर लोगों को डांट चुकी थीं। दोबारा इसी तरह की हरकत से गुस्से में आकर उन्होंने पहली मंजिल के कमरे में बनी खिड़की का दरवाजा खोला तो होश उड़ गए। सामने बने शोरूम के पिछले हिस्से से निकलती लपटें उनकी खिड़की से कुछ ही फीट दूर तक आ रही थीं। शीला देवी ने बिना समय गंवाए कमरे में खेल रहे छह महीने के नाती को गोद में उठाया और घर से भागकर गली के बाहर निकल आईं।

दहशत में रहे परिवार
तीन मंजिला शोरूम के पीछे पांच फीट की गली में एक दर्जन से अधिक मकान हैं। जिनमें 60 पुरुष-महिला और बच्चे रहते हैं। शोरूम में लगी भीषण आग के चलते यह परिवार घंटों दहशत में रहे। राहुल, निरंजन, दिलीप, गीता, गौतम एवं योगेश आदि को डर लगा रहा कि आग से शोरूम के पिछले हिस्से की दीवार फटी तो उसका मलबा उनके घरों की छतों पर गिरेगा। लपटें उनके मकानों को भी अपनी चपेट में लेंगी। इसी डर से सभी परिवार घरों से अपना जरूरी सामान निकालकर ले आए थे। घरों पर ताले लगा दिए थे। पुलिस ने गली के दोनों ओर बल्ली लगाकर आवागमन रोक दिया था।

काफी दूर से दिखे धुआं के गुबार
राजन सहगल के बराबर में सतीश चंद गोयल का भी तीन मंजिला फर्नीचर शोरूम है। उनके शोरूम की दीवारें भी गरम हो गई थीं। जिससे उनके फटने की आशंका थी। दीवारों से लगा सारा फर्नीचर स्टाफ आनन-फानन में हटाने में जुट गया। वहीं, दमकल कर्मी आग को सतीश चंद के शोरूम तक बढऩे से रोकने के लिए उसकी दीवार पर पानी डालकर ठंडा करते रहे। दमकल कर्मियों की दूसरी टीम शोरूम की छत पर जाकर आग को बुझाने का प्रयास करती रही। शोरूम काफी बड़ा होने के चलते आग काबू करने में दिक्कत आई। अंदर फर्नीचर जलने से लपटें रह रहकर बाहर आती रहीं। शोरूम में लगी आग से उठता धुआं वाटर वक्र्स चौराहे और गुरु का ताल सिकंदरा से दिखाई दे रहा था।

हाईवे पर जाम खुलवाने को फटकारनी पड़ी लाठियां
शोरूम में आग के चलते लोगों की भीड़ हाईवे और सर्विस रोड पर जमा हो गई थी। जिससे हाईवे पर जाम लग गया। पुलिस को यातयात सुचारू कराने के लिए कई बार लाठियां फटकारनी पड़ीं। वह भीड़ को एक ओर से हटाती, वह दूसरी तरफ जाकर खड़ी हो जाती।


छत पर बने कमरे में बैठी थी। कमरे में धुआं आने पर दरवाजा खोला तो देखा कि सामने वाले शोरूम में आग लगी हुई है। इसकी सूचना फायर ब्रिगेड को दी।
खुशी, क्षेत्रीय निवासी

दुकान पर बैठा था। इसी दौरान शोरूम की गली में खुलने वाली खिड़की से आग की लपटें निकलती देखकर इसकी जानकारी वहां के कर्मचारियों को दी।
राहुल, क्षेत्रीय निवासी

शोरूम में लगी आग घर तक पहुंचने की डर से परिवार समेत गली से बाहर आ गए। कुछ जरूरी सामान भी घर से निकाल लिया था। बाकि वहीं छोड़ आए।
दिलीप, क्षेत्रीय निवासी

शोरूम में लगी आग की लपटें और धुंआ घर के अंदर तक आने पर सुरक्षा के चलते परिवार समेत गली से बाहर निकल आए।
निरंजन, क्षेत्रीय निवासी

आग लगने से पूरा परिवार दहशत में था। डर लगा रहा कि कहीं शोरूम की दीवार हमारे घरों पर न गिर जाए।
गीता, क्षेत्रीय निवासी