आगरा(ब्यूरो)। वरिष्ठ आयकर विशेषज्ञ सीए दीपिका मित्तल ने कहा कि बजट में वित्त मंत्री द्वारा इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए आयकर सीमा बढ़ाकर करदाताओं को राहत देने की उम्मीद है। बजट में व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा को 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया जाना चाहिए। उच्चतम स्लैब को भी 20 लाख रुपए किए जाने की उम्मीद है। वरिष्ठ नागरिकों को भी सेविंग स्कीम्स से होने वाली इनकम पर टैक्स दरों में और राहत दिए जाने की उम्मीद है। इस बार के बजट में सरकार स्वास्थ्य बीमा योजनाओं पर मिलने वाली टैक्स छूट में वृद्धि करने का फैसला ले सकती है।

आयुष्मान का बढ़ाया जाए दायरा
देश में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सरकार आयुष्मान योजना का दायरा और बढ़ाने की घोषणा कर सकती है। सरकार लोगों में बचत की प्रवृत्ति को बढ़ाने को लिए धारा 80 सी में छूट की सीमा को बढ़ा सकती है। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स रेट को भी घटाए जाने की उम्मीद है। प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों को देखते हुए होम लोन के ब्याज पर कटौती की सीमा को बढ़ाए जाने की उम्मीद है। आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया की मुहिम के तहत आयात को कम करने और घऱेलू उत्पादन को बढ़ावा देने हेतु सरकार कुछ आयातित वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है। महिलाओं को उम्मीद है कि इस बजट में बिजनेस में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर फोकस किया जाएगा।

बजट में पर्यटन का नाम तक नहीं
कोरोना के बाद दोबारा गति पकड़ रही होटल इंडस्ट्री को भी बजट से काफी उम्मीद है। टूरिज्म कारोबारियों ने कहा कि बजट में पर्यटन का नाम तक नहीं लिया जाता। एमएसएमई होटल इंडस्ट्रीज को तो इंडस्ट्री मानती ही नही है। फिर भी इस बार उम्मीद है कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए सरकार अलग से पर्यटन बोर्ड बनाए, जीएसटी को घटाया जाए और होटल कारोबार को भी इंडस्ट्री घोषित किए जाने का नोटिफिकेशन जारी करें। जबकि नॉन पॉल्यूटेड इंडस्ट्री देश की जीडीपी में 10 परसेंट तो एम्प्लॉयमेंट में 8.5 परसेंट का कॉन्ट्रिब्यूशन करती है। मोदी सरकार का 9वां बजट आने को है। पिछले आठ बजट में तो सरकार से लॉलीपॉप मिला है।

बजट में ये हो प्रावधान
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए बने अलग से बोर्ड
- होटल एंड टूरिज्म को भी इंडस्ट्री का मिले दर्जा
- होटल के किराए पर से जीएसटी हटाया जाए
- शहर में नाइट टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए
- आयकर छूट को 2.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाए
- सिविल एंक्लेव के लिए बजट
- बैराज निर्माण पर भी होनी चाहिए घोषणा


सांस्कृतिक विभाग को आगरा के लिए अलग से बजट दिया जाना चाहिए। सिकंदरा, फतेहपुरसीकरी, आगरा फोर्ट पर लाइट एंड साउंड शो, ब्रज संस्कृति पर आधारित प्रतिदिन कार्यक्रम आयोजित होना चाहिए। आगरा में बैराज का निर्माण होना चाहिए, इसके लिए सिंचाई विभाग को बजट मुहैया कराना चाहिए। देश के टूरिज्म के लिए ओवरऑल बजट प्रोवाइड कराना चाहिए।
राकेश चौहान, अध्यक्ष, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन



सिविल एंक्लेव के लिए बजट का एलोकेशन होना चाहिए। इसके लिए हम लगातार जनप्रतिनिधियों से मांग करते रहे हैं कि सिविल एंक्लेव के लिए बजट की मांग प्रमुखता से रखें। सिविल एंक्लेव का निर्माण पूरा होने से शहर के विकास होने के साथ पर्यटन को भी रफ्तार मिलेगी।
अनिल शर्मा, सचिव, सिविल सोसाइटी
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बजट में महिलाओं का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। घर की जिम्मेदारी संभालने के साथ आज महिलाएं देश की आर्थिक गति में भी बढ़ावा दे रहीं हैं। इसलिए गैस सिलेंडर के दाम से लेकर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट तक सस्ते होने चाहिए।
डॉ। शशि शर्मा

बजट में सभी वर्गों का ध्यान रखा जाना चाहिए। महिला सशक्तिकरण सिर्फ नारे तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि बजट में भी महिला को सशक्त करने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके लिए बजट में भी प्रावधान हो।
रुचि सारस्वत, सीओओ, आईफा

बजट में लोगों की बुनियादी सुविधाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। सिर पर छत से लेकर घर चलाना तक महंगा हो रहा है। इसके लिए राहत दी जानी चाहिए। साथ ही टेक्सटाइल पर टैक्स कम किया जाना चाहिए।
रूपम राजौरिया

इस बार बजट से काफी उम्मीद है। युवाओं के साथ महिलाओं के लिए भी बजट में योजनाओं की घोषणा की जानी चाहिए।

दीपिका सिंह बोरा

बजट में इसबार मिडिल क्सास पर ध्यान देना आवश्यक है। टैक्स स्लैब में संशोधन कर उसमें रियायत देने की जरूरत है। इलेक्ट्रिक्ट व्हीकल को प्रमोट करने के लिए नए तरीके और सब्सिडी को बेहतर बनाने की आवश्यकता है। देश की पेट्रोल पर निर्भरता कम होनी चाहिए।
रवि चौबे, एडवोकेट

किसानों के लिए बजट में घोषणा की जानी चाहिए। कृषि उपकरणों पर सब्सिडी दी जानी चाहिए। इसके साथ बीज, खाद आसानी से किसानों को मिले। फसलों का उचित दाम मिलना चाहिए।
कप्तान सिंह चाहर, प्रदेश प्रवक्ता, रालोद

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टायरों पर डंपिंग ड्यूटी लगा दी गई है। इससे टायरों के दाम अचानक से काफी बढ़ गए हैं। सरकार को डंपिंग ड्यूटी हटानी चाहिए। इसके साथ ही 44 एई में रियायत दी जाए। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जाए।
वीरेंद्र गुप्ता, सह प्रवक्ता, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस

टोल टैक्स में राहत दी जानी चाहिए। नेशनल लेवल पर टोल रेट तय होनी चाहिए। टोल परमिट बनाए जाने चाहिए, जिससे ट्रक ड्राइवरों को मुश्किलों का सामना न करना पड़े।
अशोक बंसल, उपाध्यक्ष, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस