अधिकतर मजदूर हैं बिना पढ़े लिखे

इस कांपटीशन के वक्त में पढ़े-लिखे युवाओं को नौकरी पाने के लिए भटकना पड़ रहा है तो वहीं पेठा मंडी में काम करने वाले अनपढ़ मजदूरों से उनका काम अधिकारियों ने छीन लिया है। यहां काम करने वाले लोगों का कहना है कि अब हम अपने परिवार का पेट कैसे पालेंगे।

बेरोजगारों की हुई लंबी लाइन

सिटी में अब पचास हजार बेरोजगार और हो गए, प्रशासन ने पेठा मंडी क्या उजाड़ी पेठा मंडी में मेहनत करने वालों के रोजगार ही चले गए। अब वह कहां जाएंगे। पेठा व्यवसायियों का कहना है कि कालिंदी बिहार बसाया नहीं गया और यहां बसी बसाई मंडी उजाड़ दी गई।

ढहा दीं पेठा मंडी की भट्ठियां

अब नूरी दरवाजा मार्केट में पेठा मंडी नहीं लगेगी और यदि व्यवसाई इसी मार्केट में व्यवसाय करना चाहते हैं तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के नियमों का पालन करना होगा। ट्यूजडे को प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में कोयला चलित भट्टियों को नगर निगम की टीम ने ढहा दिया।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं

सुप्रीम कोर्ट के आदेश थे कि कोयला चलित भट्टियों द्वारा एअर पॉल्युशन होने से उसका असर ताज के ऊपर पड़ रहा है, जिससे ताज का दूधिया कलर काला हो रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने सिटी की सभी इकाइयों को अन्य जगह शिफ्ट कराने के आदेश दिए।

सिटी में हैं पेठे की 500 इकाइयां

वर्तमान समय में सिटी में पेठे की लगभग 500 इकाइयां चल रही हैं, जिनमें 50 हजार से ज्यादा मजदूर काम कर रहे हैं। 1990 के आस-पास एडीए की ओर से तकरीबन 100 इकाइयों के लिए भूखंडों का आवंटन कालिंदी विहार में किया गया था, जहां पेठा व्यवसायियों को कोई सुविधा मुहैया नहीं कराई गई थी।

इनके खिलाफ हुआ एक्शन

नगर निगम की टीम ने ट्यूजडे को सुरेश चन्द्र शर्मा की 8 भट्टियां, शहाबुद्दीन की 2 कोयला भट्टियां, दुर्गा प्रसाद पाठक की 2 भट्टियां, अनिल कुमार की 2 कोयला भट्टियांं, रूपेन्द्र कुमार की 1 कोयला भट्टी, तेज सिंह की 3 कोयला भट्टियां ध्वस्त करा दी गई।

यहां हैं सिटी में पेठा इकाइयां

कोतवाली एरिया, मोती कटरा, शीतला गली, नाई की मंडी, ककरैठा, सिकंदरा सहित अन्य एरियाज में पेठा इकाइयां संचालित की जा रही हैं।

-बीपी खरे, एडीएम सिटी

पेठा व्यवसायियों को नूरी दरवाजा स्थित मार्केट में व्यवसाय नहीं करने दिया जाएगा, यदि वह करना चाहते हैं तो उन्हें सभी नॉम्र्स का पालन करना होगा।

-अजय चौहान, उपाध्यक्ष एडीए

कालिंदी बिहार में व्यवसाय शुरू न करने वालों के आवंटन निरस्त होंगे। यदि व्यापारी कालिंदी बिहार में व्यवसाय शुरू करते हैं तो गैस के लिए जमीन दी जाएगी और पानी की भी व्यवस्था करा दी जाएगी। बांईपुर की प्रॉपर्टी यूपीएसआईडीसी के अंडर में आती है जिसने पेठा व्यवसायियों के लिए उस जगह को उपर्युक्त बताया था।