- भूख लगने पर ईट और रूई खाने को थे मजबूर

- उत्पीड़न से परेशान लड़कियों ने काटी थी नस

आगरा। पंचशील आश्रम में लड़कियों पर जुल्म ढहाया जा रहा था। आश्रम से मुक्त होकर रामलाल वृद्धा आश्रम पहुंची लड़कियों ने शुक्रवार को अंदर के हालातों को बताया, जिसे सुन किसी की भी रूह कांप जाए। अब दूसरे आश्रम में आकर वह राहत महसूस कर रही हैं। दो लड़कियों को कोर्ट के माध्यम से उनके घर पहुंचा दिया गया है, जबकि दो लड़की नई शामिल हुई हैं।

दिन में एक बार भेजते थे शौच को

पंचशील आश्रम के अंदर किए जा रहे उत्पीड़न के बारे में बताते हुए एक लड़की ने बताया कि दिन में एक बार ही टॉयलेट, शौच आदि को भेजा जाता था। वह भी वहां पर काम करने वालों के ऊपर निर्भर करता है। वह भेजें या नहीं, कई बार लड़कियों को कमरे में ही नित्य क्रिया करनी पड़ती थी, जिसमें वह रह रही हैं। लड़कियों ने बताया कि टॉयलेट के लिए कमरे में बोतलें रखनी पड़ती थीं।

बिजली गुल से दोहरी मुश्किल

आश्रम में यातना झेल चुकी लड़की ने बताया कि बिजली गुल होने पर उन्हें दोहरी मुश्किल का सामना करना पड़ता था। एक ओर तो वे गर्मी में रहने को मजबूर थीं, वहीं उन्हें मथुरिया की करतूतों के चलते शर्मसार होना पड़ता था। बताया कि लड़कियों वाले क्षेत्र में आदमियों का आना मना था। लेकिन लाइट जाने पर मथुरिया बरामदे में एक डंडा लेकर आता था। लड़कियों से अश्लील हरकत करता था। लड़की ने बताया कि एक दिन बिजली गुल के दौरान अंधेरे में किसी ने उसका हाथ पकड़ लिया। वह तीन युवक लग रहे थे। लड़की ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। युवकों ने कमरे के दरवाजे को काफी देर तक पीटा, लेकिन उसने दरवाजा नहीं खोला।

पोल खुलने पर की पिटाई

आश्रम में रहने वाली एक 18 वर्षीय लड़की ने बताया कि उसे वहां पर हैड बना रखा था। लड़कियों की मनमानी पर उसकी पिटाई होती थी। उसे किचिन का इंचार्ज भी बनाया गया। रोज आलू-गोभी बनाने को देते थे। अधिकारियों की विजिट में मामला सामने आया तो, उनके जाने के बाद किचिन इंचार्ज की पिटाई की गई। लड़कियों का कहना था कि मथुरिया कई बार शराब पीकर भी आता था। बात नहीं मानने पर एक लड़की को पीटा था।

बाथरूम के फुटेज देखता था मथुरिया

लड़कियों ने बताया कि जो कैमरे बाथरूमों में लगे थे, उनके कम्प्यूटर नीचे कमरे में रखे थे। उनके वीडियो मथुरिया देखता था। साथ ही अन्य युवक भी देखते थे। कई बार लड़कियों ने उससे ऐसा करने से मना किया, लेकिन वह नहीं माना।

भूख लगने पर खाते थे ईट और रूई

लड़कियों ने बताया कि खाने के नाम पर उन्हें सुबह कुछ नहीं दिया जाता था। दोपहर में ढाई बजे दो रोटी, चावल व शाम को चार रोटी दी जातीं थीं। गलती होने पर कमरे में बंद कर दिया जाता था और खाना भी बंद कर दिया जाता था। ऐसे में लड़कियों को ईटें तोड़ कर खाने के लिए मजबूर होना पड़ता था। मंदबुद्धि तो भूख के चलते रूई तक खा जाते थे।

अंधेरे कमरे में काला पानी की सजा

एक लड़की ने बताया कि उसने एक बार भागने का प्रयास किया, तो उसे पकड़ लिया। उसे अंधेरे कमरे में बंद कर दिया। उसे बाहर नहीं आने दिया जाता था। मारपीट की जाती थी। कई लड़कियां इन यातनाओं से इतनी परेशान थीं कि उन्होंने अपने हाथ की नस तक काट ली।

दुष्कर्म कर कर दिया गायब

लड़कियों ने बताया कि फीरोजाबाद की एक महिला के साथ आश्रम में तीन बार दुष्कर्म किया गया। अधिकारियों के आने से पहले ही उसे गायब कर दिया। साथ ही ट्रेन में एक महिला की मौत हुई थी। एक बच्ची की मौत होने पर उसे यमुना में बहाया गया।

यहां पर लग रहा है अच्छा

लड़कियों का कहना था कि राम लाल वृद्धाश्रम में उन्हें घर जैसा माहौल लग रहा है। वहां से वह भागना चाहती थी लेकिन यहां पर वह खुले में आराम से घूम रही हैं। कई लड़कियों का तो घर जाने तक का मन नहीं है। आश्रम के अध्यक्ष शिव प्रसाद शर्मा का कहना था कि सभी लड़कियों का पूरी तरह से ख्याल रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि दो लड़कियों को कोर्ट के माध्यम से घर पहुंचा दिया है। एक बुजुर्ग को भी भेज दिया हैं। 10 से 12 साल के पांच लड़के, तीन लड़की व एक तीन महीने का बच्चा और वृद्धा आश्रम को दिया गया। दो लड़की इनमें और शामिल हुई हैं। अब लड़के व लड़कियां मिलाकर कुल संख्या 61 है। तीन को मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती कराया गया है। 25 का आज मेडिकल कराया जाएगा।