आगरा(ब्यूरो)। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे (ईपीई) व यमुना एक्सप्रेस-वे कोजोडऩे के लिए इंटरचेंज का निर्माण किया जाना है। यमुना एक्सप्रेस-वे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे का निर्माण करने वाले एनएचएआई के बीच इसको लेकर एमओयू भी साइन हो चुका है। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार 30 मई 2022 को ये एमओयू साइन हुआ। लेकिन अब तक इस प्रोजेक्ट पर एक ईंट तक नहीं रखी गई है। यमुना एक्सप्रेस-वे और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे के कनेक्ट नहीं होने के चलते वाहनों को शहरों के बीच ट्रैफिक से गुजरना होता है। अगर किसी वाहन चालक को गुरुग्राम या फरीदाबाद जाना है तो यमुना एक्सप्रेस-वे से उसे नोएडा, दिल्ली के ट्रैफिक से होकर गुजरना पड़ता है।

जल्द शुरू हो निर्माण
आरटीआई से सूचना प्राप्त करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता केसी जैन ने कहा कि 19 माह बाद भी इंटरचेंज का काम शुरू नहीं होने से विकास की गति प्रभावित हो रही है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से यमुना एक्सप्रेसवे पर बनने वाले इंटरचेंज का निर्माण शीघ्र शुरू कराने, भूमि अधिग्रहण या कोई अन्य समस्या होने पर शीघ्रता से उसका समाधान कराने की मांग की है। जैन ने कहा कि जेवर हवाई अड्डे के लिए यह इंटरचेंज मील का पत्थर साबित होगा। इससे जेवर हवाई अड्डे पर गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर के लोग आसानी से आ सकेंगे। आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस के निवासी भी इंटरचेंज बनने पर ग्रेटर नोएडा जाए बगैर सीधे गाजियाबाद व मेरठ जा सकेंगे। इंटरचेंज बनने के बाद जीटी करनाल रोड के लिए भी आगरावासियों को ग्रेटर नोएडा या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भी कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी। इंटरजेंज के बनने से समय व ईंधन दोनों की बचत होगी।

ये होगा फायदा
- जेवर हवाई अड्डे तक गाजियाबाद, मेरठ, सहारनपुर के लोगों की पहुंच आसान होगी।
- आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस के निवासी भी इंटरचेंज बनने पर ग्रेटर नोएडा जाए बगैर सीधे गाजियाबाद व मेरठ जा सकेंगे।
- इंटरचेंज बनने के बाद जीटी करनाल रोड के लिए भी आगरावासियों को ग्रेटर नोएडा या दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा।
- दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर भी कनेक्टिविटी आसान हो जाएगी।
- इंटरजेंज के बनने से समय व ईंधन दोनों की बचत होगी।


इंटरचेंज बनने से बाहर से आने वाले ट्रैफिक का आगरा में दबाव कम होगा। लोगों का पैसा और समय भी बचेगा। इस इंटरचेंज का निर्माण जल्द से जल्द पूरा होना चाहिए।
केसी जैन, वरिष्ठ अधिवक्ता व रोड सेफ्टी एक्टिविस्ट

यमुना एक्सप्रेस-वे और पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे को कनेक्ट किया जाना चाहिए। एक्सप्रेस-वे का निर्माण तो इसी उद्देश्य के साथ होता है कि ईंधन और समय बच सके। विभागों को आपसी को-ऑर्डिनेशन मजबूत करना चाहिए।
डॉ। अरुण प्रताप सिकरवार, असिस्टेंट प्रोफेसर, डीईआई

इंटरचेंज बनने से नोएडा, ग्रेटर नोएडा के जाम से लोगों को राहत मिलेगी। रोड कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी। लोगों का समय और पैसा दोनों बचेंगे। इस ओर संबंधित विभागों को ध्यान देना चाहिए।
सतीश कुशवाह, आर्किटेक्ट