आगरा(ब्यूरो)। दयालबाग के प्रतीक्षा एन्क्लेव निवासी प्रीति अवस्थी पुत्री राधे कृष्णा अवस्थी शनिवार सुबह 10:30 बजे एडीए पहुंचीं। एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ से उन्होंने लिखित शिकायत की। प्रीति ने बताया कि उनके मकान संख्या 79 में स्वीकृत नक्शा के विपरीत निर्माण किया गया है। उन्होंने एडीए में कंपाउंडिंग को आवेदन किया हुआ है। इस प्रक्रिया के लिए अवर अभियंता मनोज मिश्रा ने रिश्वत मांगी। इसके कई साक्ष्य होने की बात उन्होंने कही। शुरूआती विभागीय जांच में इसकी पुष्टि हुई। एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने गंभीर रुख अपनाते हुए अवर अभियंता मनोज मिश्रा को निलंबित कर दिया। शिकायत के आठ घंटे के अंदर ही इस कार्रवाई से सब सकते में आ गए।

ताजगंज में एडीए ने सील किए दो अवैध निर्माण
आगरा: एडीए ने शनिवार को ताजगंज वार्ड में नक्शा के विपरीत किए जा रहे दो अवैध निर्माण सील किए। ताजनगरी फेज-वन में एडीए से स्वीकृत मानचित्र के विपरीत कृष्ण पाल ङ्क्षसह द्वारा अवैध निर्माण किया जा रहा था। एडीए के प्रवर्तन दल और सचल दस्ते ने यहां सील लगाई। उधर, बसई मुस्तकिल में मैसर्स कात्याल होटल प्राइवेट लिमिटेड के चेयरमैन विनोद कात्याल द्वारा मानचित्र के विपरीत किए जा रहे अवैध निर्माण को भी सील कर दिया गया। दोनों को पूर्व में नोटिस जारी किए गए थे, लेकिन उन्होंने नक्शा से संबंधित कोई दस्तावेज एडीए को उपलब्ध नहीं कराए। सहायक अभियंता सतीश कुमार के नेतृत्व में कार्रवाई की गई।

उपाध्यक्ष के तेवर से खलबली
एडीए में किसी शिकायत पर पहली बार इतनी कम अवधि में कार्रवाई की गई है। इससे प्रवर्तन से जुड़े अन्य अभियंताओं में खलबली मच गई। उन्हें अब अपने क्षेत्रों में किए गए खेल में कार्रवाई की ङ्क्षचता सता रही है।

बड़ा है कंपाउंडिंग का खेल
एडीए, बिना नक्शा पास कराए या फिर स्वीकृत नक्शा के विपरीत निर्माण करने वालों को नोटिस जारी करता है। निर्माणकर्ता को अपने दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा जाता है। दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में भवन पर सील लगा दी जाती है। सील लगने के बाद उसे खोलने को कंपाउंडिंग के नाम पर बड़ा खेल किया जाता है।

आवासीय भवन के कंपाउंडिंग को रिश्वत मांगने का आरोप महिला ने अवर अभियंता पर लगाया है। प्रारंभिक जांच के बाद अवर अभियंता मनोज मिश्रा को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
-चर्चित गौड़, उपाध्यक्ष एडीए

आरोप कोई भी लगा सकता है। आरोप पूरी तरह निराधार हैं। जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। जिससे सच्चाई सामने आए। शिकायकर्ता से जब भी मुलाकात हुई कार्यालय में हुई है।
मनोज शर्मा, अवर अभियंता, एडीए