आगरा। डॉ। गुप्ता ने बताया कि सबसे जरूरी बात यह है कि कभी भी पटाखों को पास से और उसके ऊपर झुक कर उसमें आग न लगाएं। यदि पटाखे छुड़ाते समय जल गये हों तो टैप वाटर या सादा पानी 15 से 20 मिनट तक जले हुए स्थान पर डालें। ऐसा करने पर घाव में जलन कम हो जाएगी और शरीर को कम नुकसान पहुंचेगा। यदि गंभीर रूप से जल जाएं तो तुरंत एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी विंग जाकर उपचार करा सकते हैैं। अस्पताल ले जाने तक उस घाव पर कोई भी क्रीम या ऑइंटमेंट या मलहम न लगाएं और जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचने की कोशिश करें।

ऐसे बरतें सावधानी
-पटाखे जलाने वाले स्थान पर पानी की एक बाल्टी और रेत साथ रखें।
-ज्यादा तेज आवाज और इंटेंसिटी वाले पटाखे न जलाएं।
-कभी भी फटने वाले पटाखों को हाथ में पकड़ कर आग न लगाएं।
-पटाखे जलाते समय सिंथेटिक और नायलॉन के कपड़े न पहनें।
-आग जले पटाखों को दोबारा जलाने की कोशिश न करें।
- एक साथ कई पटाखे रखे हुए स्थान पर चकरी जैसे गोल घूमने वाले पटाखे न जलाएं अन्यथा यह घूम कर उन पटाखों में आग लगा सकते हैं और इससे हादसा हो सकता है।
-पटाखे जलाते समय यदि आग लग गई हो और वह बढ़ती जा रही हो तो रेत डालकर आग बुझाएं।


दीपावली पर संभलकर पटाखे जलाएं। सावधानी बरतेंगे तो दीपावली खुशहाल होगी। यदि जल जाएं तो मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी विंग में जाकर उपचार करा सकते हैैं।
- डॉ। प्रशांत गुप्ता, प्रिंसिपल, एसएनएमसी