बढ़ती वारदातों ने बढ़ाई डिमांड
सिंडीकेट बैंक, मेन ब्रांच के चीफ मैनेजर अनूप शर्मा ने बताया कि लॉकर की डिमांड सौ फीसदी बढ़ गई है। हमारे बैंक में ढाई सौ लॉकर हैं। सभी फुल हो चुके हैं। आए दिन चोरी की वारदातों के कारण हर व्यक्ति ज्वेलरी को घर में रखने में अनसेफ महसूस कर रहा है। एक साल पहले लॉकर काफी खाली रहते थे, लेकिन जब से वारदातें बढ़ी हैं तब से हर कोई लॉकर चाहता है। आगरा में आज भी ऐसे लोग हैं, जो घर में सोना चांदी रखते हैं। चोर आते हैं और जीवन भर की कमाई को लेकर चले जाते हैं। ऐसे में बैंकों में लॉकर की मांग बढ़ गई है। एजूकेटेड क्लास में लॉकर की ज्यादा डिमांड है।
सभी बैंकों में ऐसे हालात
एसबीआई बैंक के मैनेजर विपिन कुमार बताते हैं कि हमारे यहां लॉकर लगभग फुल हैं। इन दिनों लोगों की डिमांड काफी बढ़ गई है। चोरी की वारदातों के बाद तो लोग लॉकर ही अधिक पसंद कर रहे हैं। यहां करीब एक हजार से ज्यादा लॉकर हैं। सभी फुल हो चुके हैं। लॉकर के लिए करीब 900 रुपए साल का किराया लिया जाता है। हर कोई लॉकर की मांग कर रहा है। जब कोई लॉकर खाली होता है तो दूसरे को आवंटित कर दिया जाता है। यह स्थिति सभी बैंकों में हो गई है।
सेफ हैं लॉकर
पीएनबी मैन ब्रांच के एजीएम वीपी अग्र्रवाल ने बताया कि लास्ट दो साल पहले तक ज्यादातर बिजनेसमैन ही लॉकर की सुविधा का यूज करते थे। लेकिन अब कंडीशन ये है कि सेल्फ इंप्लाइड हो या सर्विसमैन सभी अकाउंट के साथ लॉकर की डिमांड कर रहे हैं। इतना ही नहीं, जब इस संबंध में पूछा जाता है, तो सभी का एक ही कहना होता है कि ज्वेलरी और आइटम्स के लिए घर सेफ नहीं लगता है।
लॉकर के हिसाब से किराया
एसबीआई बैंक की सदर ब्रांच मैनेजर रामेंद्र त्रिपाठी कहते हैं कि यह तो साफ है कि चोरी की वारदातों के बाद लॉकर की डिमांड बढ़ी है। उनकी बैंक में ढाई सौ लॉकर हैैं। एक कैबिनेट में नब्बे लॉकर होते हैं। यहां करीब चार कैबिनेट हैं। छोटे और बड़े लॉकर की डिमांड भी होती है। इसमें छोटे लॉकर का किराया ग्यारह सौ रुपए और बड़े लॉकर का 2700 रुपए होता है।
फिगर स्पीक्स
सिटी में 39 बैंकों की करीब 300 शाखाएं हैं।
सभी बैंकों में 80 से 90 हजार लॉकर है।
बैंक ग्राहकों की संख्या है लगभग 12 लाख।
साल का किराया 900 से 3,200 रुपए के बीच।
लॉकर लेने के लिए बैंक में सेविंग अकाउंट जरूरी है।
डिमांड बढऩे से लॉकर्स के लिए भटक रहे हैं कस्टमर्स।

 


Report by: Sharma.neeraj@inext.co.in