- 2015 से एजेंसी नहीं करेगी परीक्षा कार्य

- यूनिवर्सिटी के कर्मचारी संभालेंगे सारा काम

AGRA। एजेंसी की असफलता ने यूनिवर्सिटी के सामने तस्वीर साफ कर दी है। इसी के तहत अब यह फैसला लिया गया है कि ख्0क्भ् से एजेंसी परीक्षा कार्य नहीं संभालेगी। बल्कि यह काम अब फिर से कर्मचारी करेंगे। इस फैसले से यूनिवर्सिटी के ढर्रे को फिर से लाइन पर लाने में मदद मिल सकेगी।

एजेंसी हो गई फेल

ख्009 में यूनिवर्सिटी ने एग्जाम से जुड़े हर काम के लिए एक एजेंसी को ठेका दिया था। माइंडलॉजिक्स नाम की इस एजेंसी ने दो साल तो काम किया लेकिन उसके बाद से ही उसका सिस्टम फेल हो गया। ना तो रिजल्ट ही समय पर निकल पाए और ना ही स्टूडेंट्स को सही मार्कशीट ही मिली। आए दिन स्टूडेंट्स एजेंसी को लेकर यूनिवर्सिटी में बवाल कर रहे हैं।

पहले भी कर्मचारी ही करते थे काम

ख्009 से पहले भी परीक्षा कार्य कर्मचारी ही संभालते थे। तब गड़बडि़यां भी होती थीं। लेकिन रिजल्ट सही समय पर आते थे। साथ ही मार्कशीट्स में भी इतनी गलतियां नहीं होती थीं। पर हंगामे तब भी होते थे लेकिन स्टूडेंट्स के पास हंगामा करने के मुद्दे अलग थे।

हर काम हो जाएगा मैन्युअल

अभी तक यूनिवर्सिटी ने सारा काम ऑनलाइन कर दिया है। एग्जामिनेशन फॉर्म भरने से लेकर हर रिजल्ट तक ऑनलाइन ही मिला करता था। लेकिन अब पहले की तरह हर काम मैन्युल हो जाएगा। फिर से कर्मचारियों के कलमें घिसेंगी और फर्जीवाड़ा हो सकेगा।

अब ज्यादा हो जाएगा फर्जीवाड़ा

हर काम मैन्युअली होने से फर्जीवाड़े में बढ़ोतरी हो जाएगी, दलाल फिर से यूनिवर्सिटी में एक्टिव हो जाएंगे। नंबर आसानी से बढ़ाए जा सकेंगे। अब तक जिन कामों के लिए दलाल एजेंसी से संपर्क करते थे वही काम अब सीधा कर्मचारियों के सहयोग से हो सकेगा।

एजेंसी को नहीं मिला सपोर्ट

यही बात हर बार एजेंसी कहती रही है। उसका आरोप रहा है कि यूनिवर्सिटी से उन्हें किसी भी तरह का सहयोग नहीं मिला। यूनिवर्सिटी ने उन्हें डेटा उपलब्ध नहीं कराया। जिसकी वजह से ही सारी दिक्कतें पैदा हुई।

'एजेंसी तो फेल साबित हो ही गई है। परीक्षा कार्य इस बार भी सफल नहीं हो पाया है। ख्0क्भ् तक हो सकता है कुलपति कोई नया फैसला दे दें। हम तो इंतजार कर रहे हैं'।

- अरविंद गुप्ता, महासचिव, कर्मचारी संगठन