-रेमडेसिविर, ऑक्सीजन के बाद स्टेरॉयड, एंफोटेरिसिन इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग
-दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट के स्टिंग में हुआ खुलासा
-प्रिंट से कई गुना अधिक रेटों पर हो रही इंजेक्शन की कालाबजारी
आगरा। शहर में कोरोना वायरस के साथ ब्लैक फंगस के मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में ब्लैक फंगस से लड़ने के लिए स्टेरॉयड और एंफोटेरिसिन बी इंजेक्शन इस बीमारी को खत्म करने के लिए कारगर माने जा रहे हैं। ऐसे में कालाबाजारी करने वाले गैंग अब इन इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग में लगे हुए हैं। वे मोटे दामों पर इन्हें लोगों को उपलब्ध कराने का दावा कर रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने इसकी पड़ताल की।
दैनिक जागरण-आई नेक्स्ट ने दवाओं की कालाबाजारी करने वाले गैंग के सदस्यों से संपर्क किया। इसमें लखनऊ और आगरा के कुछ गैंग से एंफोटेरिसिन इंजेक्शन के लिए डील की। इसमें वे भरपूर मात्रा में इंजेक्शन दिलाने की बात कह रहे हैं।
.लखनऊ में एजेंट से बात-चीत
रिपोर्टर: एंफोटेरिसिन इंजेक्शन मिल सकता है क्या में आगरा से हूं मरीज के लिए चाहिए।
एजेंट: नंबर कैसे मिला आपको मेरा।
रिपोर्टर: रविन्द्र सिंह एमआर ने दिया था आपका नंबर
एजेंट: ठीक है मिल जाएगा, लेकिन मेरे पास अभी आठ ही हैं।
रिपोर्टर: मुझे 40 एंफोटेरिसिन इंजेक्शन चाहिए थे।
एजेंट: इसके लिए मुझे समय देना होगा, क्योकि बहुत मारामारी है।
रिपोर्टर: ठीक है अभी आठ उठवाता हूं, रेट बताओं
एजेंट: एंफोटेरिसिन इंजेक्शन दस हजार में मिल रहा है, लेकिन आप आठ के हिसाब से ही देना।
रिपोर्टर: ठीक है और इंजेक्शन कब मिलेंगे
एजेंट: शाम को बताता हूं आपको
दूसरी कंपनी का इंजेक्शन देने का दावा
खटीक पाड़ा में एक शॉपकीपर से बात
रिपोर्टर: एंफोटेरिसिन इंजेक्शन मिल जाएगा क्या?
शॉपकीपर: नहीं हमारे पास नहीं है, खत्म हो चुका है।
शॉपकीपर: कितने चाहिए आपको कहीं और से बात करते हैं।
रिपोर्टर: उसके लिए समय लगेगा।
शॉपकीपर: आपका मरीज किस हॉस्पीटल में है।
रिपोर्टर: मरीज अभी एसएन मेडिकल कॉलेज में हैं।
शॉपकीपर: क्या हालत है मरीज की।
रिपोर्टर: ब्लैक फंगस बताया गया है, अभी कंट्रोल में है।
शॉपकीपर: सेम सॉल्ट का दूसरा इजेक्शन मिल जाएग।
रिपोर्टर: नहीं एंफोटेरिसिन इंजेक्शन ही चाहिए।
शॉपकीपर: अम्पोमुल, बीएस एंड वीएल कंपनी का नहीं है।
रिपोर्टर: कितने का मिल जाएगा, रेट लग जाएंगे आपको
शॉपकीपर: एंफोटेरिसिन इंजेक्शन से सस्ता ही मिलेगा।
रिपोर्टर: नहीं वहीं चाहिए हमको डॉक्टर्स ने वोला है।
शॉपकीपर: वो आपको यहां नहीं मिलेगा फब्बारा मार्केट में दस हजार का मिल जाएगा।
रिपोर्टर: ठीक है धन्यवाद आपका।
कालाबाजारी करने वाले दो युवक दबोचे
सक्रिय गैंग नकली स्टेरॉयड इंजेक्शन के नाम पर मरीजों के साथ तीमारदारों से ठगी कर मोटी रकम एंठ रहे हैं। हालही में पुलिस ने दो युवकों को नकली स्टेरॉयड के साथ गिरफ्तार किया है। इससे पहले एक महिला और सिकंदरा से दो युवकों को जेल भेजा जा चुका है।
दवा को पीसकर भरते हैं वाइल
पुलिस गिरफ्त में आए शातिर युवकों ने बताया कि वह हॉस्पीटल्स से खाली वाइल के लिए संपर्क करते हैं, स्टॉप की मिली भगत से यह काम हो जाता है। इसके बाद पीसीएम य अन्य दवा का पॉउडर बनाकर इंजेक्शन के वाइल में डाल देते हैं, इसके बाद सीलिंग कर शिकार की तलाश में जुट जाते हैं, अधिकतर दवा विक्रेता से संपर्क के चलते कहीं न कहीं से डिमांड आ जाती है। इसके बाद मरीज के तीमारदार से सौदेबाजी का खेल शुरू हो जाता है। मार्केट में इंजेक्शन शॉर्ट होने का हवाला देकर मोटी रकम में इंजेक्शन की बिक्री कर देते हैं, इसके बाद नकली और असली में फर्क करना बहुत मुश्किल होता है।
-----------------------
स्टेरॉयड की ब्लैक मार्केटिंग करते पकड़े गैंग सदस्य
12 मई
हरीपर्वत क्षेत्र से एक महिला को नकली इंजेक्शन की सौदेबाजी में भेजा पुलिस ने जेल
18 अप्रैल
सिकंदरा थाना क्षेत्र के शास्त्ररपुरम में दो युवकों को भेजा जेल
जहां 40 हजार में बेचना तय हुआ था, जांच के लिए भेजे इंजेक्शन
11 जून
पुलिस ने नकली स्टेरॉयड इंजेक्शन की सौदबाजी करते दो लोगों को किया अरेस्ट, शनिवार को भेजा गया जेल।
वर्जन
स्टेरॉयड इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पुलिस शुक्रवार को दो युवकों को जेल भेजा है। पूछताछ में कई लोगों के नाम सामले आए हैं पुलिस इस मामले में जांच कर रही है। ऐसे एजेंट से सिविल में पुलिस बात कर रही है जो नकली स्टेरॉयड की ब्लैक मार्केटिंग कर पेशेंट की जान से खिलबाड़ कर रहे हैं।
बोतरे रोहन प्रमोद, एसपी सिटी
अब तक एंफोटोरोसिन बी इंजेक्शन को प्रशासन के द्वारा मरीजों तक पहुंचाया जा रहा है। लेकिन अब मैनकाइंड सहित लखनऊ की एक कंपनी ने भी इनका प्रोडक्शन शुरू कर दिया है। एंफोटोरोसिन का अब तक कोई नकली इंजेक्शन का मामला सामने नहीं आया है।
-नरेश मोहन दीपक, ड्रग इंस्पेक्टर