आगरा(ब्यूरो) कोरोना वायरस के संक्रमण ने फिर से गति पकड़ ली है। आगरा में भी रोजाना कोरोना के नए केस मिल रहे हैैं। अभी तक उनमें ओमिक्रोन की पुष्टि नहीं हुई है लेकिन अब तक मिले मरीजों में माइल्ड सिंपट्ंप्स सामने आ रहे हैैं। आगरा में मिले अब तक मिले 19 केसों में 17 मरीज होम आइसोलेशन में रहकर अपना उपचार करा रहे हैैं। एक्सपट्र्स का मानना है कि हाल में मिल रहे मरीजों को माइल्ड सिंपटंप्स जरूर सामने आ रहे हैैं, लेकिन कोरोना का खतरा बरकरार है।

कम वायरल लोड आ रहा सामने
आगरा में बीते दिनों मिल रहे कोरोना मरीजों में वायरल लोड कम मिला है। इसके कारण उनकी रिपोर्ट पहले निगेटिव आई फिर पॉजिटिव आईं। बीते दिनों दुबई से दयालबाग में अपने मायके आईं। महिला की जयपुर एयरपोर्ट पर की गई जांच निगेटिव आई थी। बाद में मेडिकल कॉलेज में जांच कराई तो उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। महिला तब तक लखनऊ जा चुकी थीं, स्वास्थ्य विभाग ने उनसे फोन पर जानकारी ली तो महिला ने बताया कि लखनऊ में उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ऐसा कम वायरल लोड के कारण भी हो सकता है।

कोमॉर्बिड पेशेंट्स को रहना होगा सावधान
सरोजनी नायडू मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ। प्रभात अग्रवाल बताते हैैं कि अब तक आगरा में मिले मरीजों में ओमिक्रोन की पुष्टि तो नहीं हुई है। इसलिए ये नहीं कह सकते हैैं कि इनमें ओमिक्रोन है। लेकिन अभी मरीजों में माइल्ड सिंपटंप्स देखने को मिल रहें हैं। ऑवरऑल मिले ओमिक्रोन की बात करें तो इसके लक्षण डेल्टा और डेल्टा प्लस की अपेक्षा माइल्ड हैैं। इसमें लंग्स का इंवॉल्वमेंट काफी कम है। ओमिक्रोन में सूंघने की क्षमता कम होना जैसे लक्षण नहीं हैैं। डॉ। अग्रवाल ने कहा कि पहले माना जा रहा था कि ओमिक्रोन से मौत नहीं हो रही हैैं। लेकिन साउथ अफ्रीका और लंदन में हाल ही में ओमिक्रोन के मरीजों की मौत हुई हैैं। उन्होंने कहा कि कोमॉर्बिडिटी वाले मरीजों को ओमिक्रोन से भी खतरा है। इसलिए उन्हें सावधान रहना होगा।
लक्षण के आधार पर होम आइसोलेशन
सीएमओ डॉ। अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि कोरोना वायरस के मरीजों को लक्षण के आधार पर स्वास्थ्य विभाग की टीम निर्णय लेती है कि मरीज को होम आइसोलेशन में रखना है या हॉस्पिटल में भेजना है। अभी ज्यादातर मरीजों में माइल्ड सिंपटंप्स सामने आने पर उन्हें होम आइसोलेशन में उपचार दिया जा रहा है। लेकिन कोरोना वायरस के नए केस रोजाना मिल रहे हैैं। इसको देखते हुए सुरक्षा बरतना बहुत जरूरी है। क्योंकि सुरक्षा से ही कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव संभव है।

वैक्सीनेशन है जरूरी
डॉ। प्रभात अग्रवाल ने बताया कि कोरोना वायरस के नए केस मिलने का ट्रेंड लगातार तेज हो रहा है। दिल्ली, महाराष्ट्र सहित देश के अन्य हिस्सों में रोजाना केस मिलने की दर बढ़ रही है। ऐसे में जिन लोगों ने अपना वैक्सीनेशन नहीं कराया है वे अपने वैक्सीन लगवा लें। क्योंकि वैक्सीनेशन ही आपको कोरोना वायरस के गंभीर परिणामों से बचाएगा।

अभी कोरोना वायरस के ज्यादातर एक्टिव मरीज होम आइसोलेशन में अपना उपचार करा रहे हैैं। बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी लोगों से अपील है कि वे कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें।
-डॉ। अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ

अभी कोरोना वायरस के मिले मरीजों में हल्के लक्षण सामने आए हैैं। लेकिन कोमॉर्बिडिटी वाले मरीजों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। सभी लोग मास्क पहनकर रखें और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करें।
-डॉ। प्रभात अग्रवाल, प्रोफेसर, एसएनएमसी
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