- टेंडर न मिलने पर कई कारोबारी दफ्तर से बैरंग लौटे,

- दफ्तर में नहीं मिले अफसर तो फोन रहे स्विच ऑफ

फीरोजाबाद : आबकारी के बचे हुए ठेके आवंटन को चल रही टेंडर प्रक्रिया में भी विभागीय अधिकारी एवं कर्मचारियों की मनमानी हावी नजर आती है। जिससे ठेके लेने के इच्छुक कई व्यक्ति आवेदन लेने से वंचित रहे गए। उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज कराने का प्रयास किया। उसमें भी असफल रहे।

नवीनीकरण और लॉटरी से आवंटन के बाद भी जिले में देसी शराब की 45, अंग्रेजी की 15 और 2-2 बीयर व मॉडल शॉप के ठेके नहीं उठ सके हैं। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि ठेकेदारों को काफी नुकसान हुआ। शराब की अवैध बिक्री के कारण कई ठेकेदार तय कोटा भी पूरा नहीं कर पाए। शायद यही कारण है कि देसी शराब कई ठेकों पर निर्धारित कीमत से कम पर बिकना शुरू हो गई है। ठेकेदार जैसे तैसे अपने नुकसान की भरपाई में लगे हैं। रविवार को चे¨कग पर निकले सिटी मजिस्ट्रेट रवींद्र कुमार को भी शहर के देसी शराब के दो ठेकों पर शराब ¨प्रट रेट से कम पर बिकती मिली।

बची हुई दुकानों का आवंटन करने के लिए प्रशासन ने टेंडर प्रक्रिया शुरू की। इसमें आवेदन पत्र लेने और जमा करने की सोमवार को अंतिम तिथि थी। इस कारण कलक्ट्रेट स्थित आबकारी विभाग में काफी चहल पहल रही। इस दौरान आवेदन लेने आए कई व्यक्तियों को फार्म नहीं दिए गए। आरोप है कि ऐसा चहेतों को ठेका दिलाने के लिए किया गया। अन्य कोई आवेदन न होने के कारण चहेतों को ठेका देने में कोई परेशानी नहीं होगी। मटसेना थाना क्षेत्र में गढि़या मोड़ पर संचालित देसी ठेके के लिए आवेदन पत्र लेने आए मटामई के दयाशंकर को फार्म नहीं दिया गया। उनके साथ एक अन्य व्यक्ति ने ही इस संबंध में अपनी शिकायत जिला आबकारी अधिकारी चंद्रशेखर को अपनी फरियाद बताने का प्रयास किया, लेकिन वह दोपहर एक बजे तक कार्यालय नहीं आए थे। बताया गया कि वह क्षेत्र में गए हैं। उनका मोबाइल नंबर भी बंद था। आवेदन ले चुके व्यक्तियों ने भी फार्म तय कीमत से अधिक रुपये पर देने का आरोप लगाया है।

घटना होगा कोटा, बदलेगा स्थान

इसे जिले में शराब की अवैध बिक्री का ही खौफ कहा जाएगा कि ठेके आवंटन के तीन तीन मौके दिए जाने के बाद भी देसी, अंग्रेजी शराब और बीयर की कई दुकानों के ठेके नहीं उठ सके हैं। सोमवार को टेंडर के आवेदन लेने का अंतिम मौका था। इसके बाद भी देसी की 20 से अधिक, अंग्रेजी की 3-4 दुकानों के लिए कोई आवेदन नहीं आया।