- प्रभारी प्राचार्य ने कमेटी गठित कर कराई है जांच

- मंडलायुक्त को सौंपी जाएगी तैयार की गई रिपोर्ट

आगरा। आगरा कॉलेज एक बड़ा फर्जीवाड़ा उजागर होने जा रहा है। ये है टीचर्स ज्वाइनिंग का घोटाला। सूत्रों के हवाले से मिली खबर में कई चौंकाने वाले तथ्यों से परदा हटा है। उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग लखनऊ ने ज्वाइनिंग लैटर जारी भी नहीं किए और कई शिक्षक शहर के प्रमुख डिग्री कॉलेज में नौकरी पा गए। इंजीनियरिंग सेक्शन से हजारों रूपये की मोटी तनख्वाह भी पा रहे हैं। मामला एक-दो शिक्षकों का नहीं है, बल्कि 150 शिक्षकों की ज्वाइनिंग से जुड़ा हुआ है। हालांकि अभी हाल में 75 शिक्षकों ने अपना ज्वाइनिंग लैटर वर्तमान प्राचार्य द्वारा गठित जांच कमेटी को दिखा दिया है, लेकिन अब ये गोपनीय जांच रिपोर्ट कमिश्नर के पास पहुंचाने की तैयारी चल रही है।

झोल है ज्वाइनिंग में

आगरा कॉलेज की इंजीनियर संकाय में नियुक्तियां की गई थीं। विभागीय सूत्रों द्वारा इसमें करीब 150 अपाइंटमेंट किए गए। इन नियुक्तियों में अनियमितता की बू आ रही है। हालांकि अभी तक अनियमितता का राज खुल नहीं सका, लेकिन प्राचार्य पद पर जब तख्ता पलट हुआ तो संदेह को यकीन में बदलने के लिए वर्तमान प्राचार्य नरेंद्र सिंह यादव ने एक कमेटी बनाई। इस कमेटी ने जांच शुरू की तो इंजीनियरिंग संकाय में खासा झोल दिखा।

50 फीसदी पर नहीं नियुक्ति पत्र

कमेटी द्वारा की गई जांच में आधे शिक्षकों के पास नियुक्ति पत्र नहीं हैं, जो एक बड़े घोटाले की ओर इशारा कर रहा है। सूत्रों का कहना है इंजीनियरिंग संकाय में सेटिंग से शिक्षकों को नियुक्त किया है। क्योंकि अभी तक सिर्फ 150 में से 75 शिक्षक ही अपना ज्वाइनिंग लैटर दिखा सके हैं। अब क मेटी ने अपनी रिपोर्ट भी तैयार कर ली है। इस रिपोर्ट को मंडलायुक्त को सौंपने की तैयारी की जा रही है। हालांकि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट का अभी खुलासा नहीं किया है।