- चूहों से बचने को जिला जेल में लाए गए थे सफेद चूहे

- कुनबा बढ़ने से कैदियों के लिए मुसीबत बन गए सफे द चूहे

AGRA। जो खौफनाक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। इनके खुले घूमने से सामाजिक व्यवस्था का ताना-बाना टूटने का डर बना रहता है। लोगों में भय की स्थिति बनी रहती है। तमाम लोग जिनकी वजह से खुद को असुरक्षित महसूस करते हैं। इसी के चलते पुलिस ने इन्हें जेल की चारदीवारी के अंदर बंद कर रखा है। लेकिन, जिन लोगों से समाज डरता है, वे चूहों के आतंक से दहशत में हैं।

जेल में चूहों का आतंक

मामला जिला कारागार के अंदर का है। इस कारागार में चूहों का खासा आतंक है। यहां सैकड़ों की संख्या में चूहे इधर से उधर धमा-चौकड़ी मचाते हैं। दिन का चैन और रात की नींद तक चूहों ने हराम कर रखी है। आलम यह है कि कैदियों के मन में भय बना रहता है कि कहीं सोते समय कैदी उनको काटकर घायल न कर दें।

लाए गए, आ गए सफेद चूहे

चूहों की बहुत तेजी से बढ़ती आबादी से परेशान होने के बाद जिला कारागार के अंदर इनके छुटकारे पर माथापच्ची हुई। किसी की ओर से यह भी सुझाव आया कि यदि जेल परिसर में सफेद चूहे लाकर छोड़ दिए जाएं तो इन चूहों से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है। सुझाव पर अमल किया गया और इसके बाद यह तय किया गया कि जेल के लम्बे-चौड़े परिसर में कम से कम चार सफेद चूहे लाए जाएं।

चार से हो गए दर्जनों

जेल के अंदर चूहों से मुक्ति के लिहाज से ही पिछले तकरीबन छह माह पहले यहां चार सफेद चूहे जेल के बाहर से मंगवाए गए। इनमें से कुछ मेल और कुछ फीमेल थे। इनके लिए कैदियों ने अपने खाने-पीने की चीजों में से उन्हें खिलाना शुरू किया। पीलियों ने बाकायदा जेल के दूध में से दूध पिलाना शुरू कर दिया। नतीजा, इन चार चूहों ने अपने कुनबे को बढ़ाना शुरू कर दिया। कुछ ही समय में इनकी संख्या बढ़कर दर्जनों हो गई।

अब ये भी बन गए परेशानी की वजह

चूहों से निजात के लिए लाए गए सफेद चूहे भी जेल में परेशानी का कारण बन गए। जेल परिसर में ये सफेद चूहे इस कदर फैल गए हैं कि कैदी खासे परेशान हो चले हैं। पुराने चूहों से तो पूरी तरह से मुक्ति मिली नहीं, सफेद चूहों के रूप में नई मुसीबत खड़ी हो गई। दर्जनों की संख्या में पनपा सफेद चूहों का कुनबा कैदियों के हिस्से के खाने-पीने पर भी भारी पड़ने लगा है। चूहों की वजह से कैदियों की रात की नींद तक में खलल पड़ जाती है।

दौड़ रहे चूहों के पीछे

जिला कारागार के अंदर चूहों के खौफ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जो पीलिए जेल प्रशासन की रीढ़ की हड्डी बने हुए हैं, वे इनदिनों सफेद चूहों के पीछे दौड़ लगा रहे हैं। सुबह से लेकर शाम तक जहां भी चूहा दिख जाता है, उसे एक पेटी में बंद किया जा रहा है। उसके बाद इन्हें जेल की चारदीवारी से बाहर छुड़वाया जा रहा है।

लगभग 2200 कैदी हैं यहां

जेल एडमिनिस्ट्रेशन के रिकॉर्ड के मुताबिक जिला कारागार में इनदिनों तकरीबन 2200 कैदी निरुद्ध हैं। इन कैदियों में से बड़ी संख्या में ऐसे कैदी भी हैं, जिनके ऊपर हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार सहित तमाम संगीन धाराओं के लंबित मामलों में आरोपी हैं।