आगरा : विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के कर्मचारी रहे वीरेश कुमार ने विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पूर्व कुलपति प्रो। अशोक मित्तल, प्रो। अनिल वर्मा, प्रो। यूसी शर्मा, प्रो। संजय चौधरी, सहायक कुलसचिव पवन कुमार, अधीक्षक अमृतलाल, मोहम्मद रईस और बृजेश श्रीवास्तव के खिलाफ प्रार्थना पत्र दिया था। वीरेश ने प्रार्थना पत्र में इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की थी। वीरेश का कहना है कि वे इतिहास विभाग में कार्यरत थे। विभाग में सत्र 2015-16 की संशोधित अंकतालिकाएं बंद कमरे में थीं। दिसंबर 2020 में प्रो। अनिल वर्मा ने उसे विभाग के बाहर जल रही रद्दी को देखने को कहा था। मौके पर अंकतालिकाएं जल रही थीं। पूर्व कुलपति प्रो। अशोक मित्तल ने वीरेश को मौके पर देखा और अंकतालिका जलाने का आरोप लगा दिया। मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर प्रो। मित्तल ने उनकी सेवाएं समाप्त कर दीं।


नौकरी पर फिर से रखने के एवज में मांगे रुपये
वीरेश का कहना है कि प्रो। वर्मा ने वीरेश से नौकरी वापस दिलाने की एवज में पैसे मांगे। न्यायालय ने प्रार्थनापत्र को गंभीरता से लेते हुए सीओ हरीपर्वत को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं। 24 फरवरी तक जांच आख्या न्यायालय में पेश करनी है।