- आयुध नियमावली 2016 के प्रावधानों के तहत जारी होंगे शस्त्र लाइसेंस

आगरा। प्रदेश सरकार ने वीपन लाइसेंस पर लगी रोक हटा दी है। इसी के साथ नए वीपन लाइसेंस के लिए भी लोगों ने कवायद शुरू कर दी हैं। लेकिन, मौजूदा वक्त में वीपंस लाइसेंस की संख्या पर गौर करें तो ये आंकड़ा पुलिस के पास हथियार से करीब 10 गुना बैठता है। ऐसे में नए लाइसेंस इस पब्लिक-पुलिस के बीच हथियारों के इस अंतर को और बढ़ा कर सकते हैं।

हथियारों की मचेगी होड़

जिले में मौजूदा समय में लगभग 6885 पुलिसकर्मी हैं। इनमें तकरीबन 4782 कार्यरत हैं। इतने ही पुलिस के पास वीपन्स हैं। इसके विपरीत जिले में पब्लिक के पास लाइसेंस 47588 और वीपंस 47570 हैं। नए शासनादेश के अनुसार आयुध नियमावली 2016 के अनुसार शस्त्र लाइसेंस जारी किए जाएंगे। अब शस्त्र चलाने का टेस्ट लेने की व्यवस्था को भी समाप्त कर दिया गया है। ऐसे में वीपन्स की प्रतिद्वंद्वता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे वीपन्स का ग्राफ बढ़ेगा।

रोक के दौरान जारी किए 901 लाइसेंस

पिछले चार वर्षो में जिला प्रशासन, कोर्ट और शासन की रोक होने के बाद आंख मूंदकर नए शस्त्र लाइसेंस जारी किए। बता दें, अक्टूबर 2013 में कोर्ट ने नए शस्त्र लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाई थी। इसमें हाईकोर्ट ने माना था कि प्रदेश में पब्लिक के पास पुलिस से ज्यादा वीपन्स हैं। इससे आपराधिक प्रवृति बढ़ती जा रही थी। इसी को ध्यान में रखते हुए हाईकोर्ट ने नए शस्त्र लाइसेंस के जारी करने पर रोक लगाई थी। बाद में कोर्ट ने वारिसन लाइसेंस के जारी करने के मामलों में ढील प्रदान कर दी। इस ढील की आड़ में नए लाइसेंस जारी किए। पिछले चार वर्षो में जिले में 901 शस्त्र लाइसेंस जारी किए गए।

पुलिस पर असलाह

4782 (अनुमानित)

पब्लिक पर वीपंस

47570 (अनुमानित)