MATHURA (28 May): जवाहर बाग में करीब दो साल से कब्जा जमाए बैठे कथित सत्याग्रहियों में अब फूट पड़ने की बात सामने आई हैं। प्रशासन की बढ़ रही सख्ती से दर्जनों आंदोलनकारी जवाहर बाग छोड़ने को उतावले हैं, लेकिन बंदिशों ने रोक रखे हैं। शनिवार दो कथित सत्याग्रही मशक्कत के बाद बाहर निकलकर पुलिस के पास पहुंच गए और घर भिजवाने की गुहार लगाई। पुलिस ने दोनों जीजा-साले को उनके परिजनों के पास भिजवाया है।

शनिवार को सिविल लाइन पुलिस चौकी में पत्रकारों को एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी ने बताया कि जवाहर बाग में बैठे दर्जनों कथित आंदोलनकारी अब बाहर आने को बेताव हो रहे हैं। बंदिशों के कारण वे बाहर नहीं आ पा रहे हैं, जबकि ऐसे लोगों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए प्रशासन सहयोग करने को तैयार है। उन्होंने बताया, शनिवार सुबह कथित सत्याग्रहियों के साथी वेचैन और नंदलाल जवाहर बाग से काफी जद्दोजहद के बाद निकल आए। बाहर मौजूद पुलिस बल के पास पहुंचे दोनों लोगों ने पुलिस से उनको घर भिजवाने की गुहार लगाई। जानकारी पर क्षेत्राधिकारी नगर चक्रपाणि त्रिपाठी पहुंच गए और दोनों को साथ ले आए।

प्रशासनिक बंदिशों के बाद जवाहर बाग को कब्जाए बैठे कथित सत्याग्रहियों को अब पानी और भोजन की से जूझना पड़ा रहा है। शनिवार भोर में अपने जीजा बेचैन के साथ बाहर आए नंदलाल पुत्र काशी निवासी अधियांरी थाना लुबंनी नेपाल ने बताया, प्रशासन की रोक के बाद जवाहर बाग में दाना-पानी कम पड़ने लगा है। सुबह पतली खिचड़ी दी जा रही है, तो पानी भी पर्याप्त नहीं मिल रहा। पुलिस और प्रशासन पर हमले की योजना पूछने पर उसने जानकारी से इंकार किया।

वेचैन और नंदलाल ने बताया कि वे एक माह पहले जयगुरुदेव आश्रम दर्शन करने को आए थे, वहां किसी ने बाबा का एक और केंद्र बताकर उनको यहां भेज दिया। वे दोनों जवाहर बाग में फंसकर रह गए। जयगुरुदेव के इन दोनों शिष्यों ने बताया कि उनकी इच्छा जयगुरुदेव आश्रम के दर्शन करके ब्रज भ्रमण की थी, जो अधूरी रह गई।

जवाहर बाग में जमे कथित सत्याग्रही बाहर आने को बेताव साथियों को भावनाओं की बंदिश लगाकर रोक रहे हैं। वेचैन और नंदलाल ने बताया, बाहर से उनको रोकने के लिए नमक खाने का उलाहना देकर रोका गया। उनकी तरह तमाम लोग जवाहर बाग त्यागने को तैयार हैं, लेकिन रामवृक्ष यादव के खास लोग उनको भोजन और अन्य मदद का वास्ता देकर रोक देते हैं।

कथित सत्याग्रहियों की मांग से दोनों जीजा-साले अन्जान है। पत्रकार वार्ता के दौरान पूछने पर दोनों ने बताया, उनकी क्या मांगें है, वे नहीं जानते। कथित सत्याग्रहियों द्वारा सिक्का चलाने और सस्ती दर पर डीजल-पेट्रोल देने की जानकारी से भी दोनों ने इन्कार किया।