आगरा(ब्यूरो)। शहर में जगह-जगह नाले खुले पड़े हुए हैं। जिस नाले में गिरकर व्यापारी बुजुर्ग की मौत हुई है, वह साकेत हॉस्पिटल के सामने, एमजी रोड-2 किनारे बना हुआ है। बुजुर्ग के घर से इसकी दूरी मुश्किल से 50 मीटर है। शहर की प्रमुख रोड एमजी रोड-2 किनारे बना ये नाला खुला हुआ है। नाले की बाउंड्री की ऊंचाई सड़क से एक फीट भी नहीं है। ऐसे में सुबह टहलने निकले बुजुर्ग इसमें गिर गए। सर्दी में सुबह का समय होने के चलते किसी को घटना के बारे में जानकारी नहीं हो सकी। अगर नाला कवर्ड होता या फिर नाले की बाउंड्री ऊंची होती तो इस तरह की घटना को रोका जा सकता था।

यहां तो रास्ते का ही हो रहा कटान
एमजी रोड-टू किनारे ही नहीं, बल्कि शहर के अधिकांश एरियाज में नाले खुले पड़े हैं। बोदला क्षेत्र में बैनारा फैक्ट्री के बराबर से गुजर रहे नाले की बाउंड्री पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी है। स्थिति ये है कि नाले का पानी रास्ते का कटान कर रहा है। आधी सड़क नाले में समा चुकी है। शांति नगर, गुलाब नगर, सरस्वती नगर, शांति पुरम के लिए ये प्रमुख रास्ता है। मारुति एस्टेट के लिए भी इस मार्ग से जाया जा सकता है। क्षेत्रीय निवासी राकेश ने बताया कि नाले में गिरकर कई बार लोग चोटिल हो चुके हैं। बावजूद इसके कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।


शहर में जोन वाइज नालों की संख्या
जोन कुल नाले
हरीपर्वत 121
लोहामंडी 93
छत्ता 94
ताजगंज 102


शहर में इतने मीटर हैं नाले
जोन नाले
हरीपर्वत 91350
लोहामंडी 99280
छत्ता 73500
ताजगंज 83300

नोट:::आंकड़े मीटर में.

चार वर्ष पहले नाले में गिरकर हुई बालक की मौत
गोङ्क्षवद नगर के रहने वाले आठ वर्षीय पंकज पुत्र सोरन ङ्क्षसह की भी 19 दिसंबर 2019 को इसी नाले में गिरकर मौत हुई थी। मूलरूप से राजस्थान का रहने वाला पंकज यहां अपनी नानी भूरी देवी के पास रहकर पढ़ाई कर रहा था। परिजन को पंकज का शव चार दिन बाद नाले में मिला था।

बैनारा फैक्ट्री के बराबर से क्षतिग्रस्त नाला का निर्माण कराने के लिए निगम अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। फाइल भी तैयार करा दी गई। फिर भी अब तक नाला निर्माण का कार्य शुरू नहीं हुआ है। यहां नाले की बाउंड्री टूट जाने के चलते लगातार रास्ते का कटान हो रहा है। बावजूद इसके संबंधित विभागीय अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहे। बैरीकेडिंग तक नहीं लगाई गई है।
मिथलेश मौर्य, क्षेत्रीय पार्षद

नाला की बाउंड्री टूटकर बह चुकी है। रास्ता लगातार संकरा हो रहा है। सर्दी के दिनों में रात में कोई भी नाले में गिर सकता है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इस ओर जल्द से जल्द निर्माण कार्य शुरू होना चाहिए।
प्रवीन कुमार, सरस्वती नगर


नाले में गिरकर कई बार लोग चोटिल हो चुके हैं। आधा रास्ता तो नाले में बह गया है। मार्ग का संकरा होना लगातार जारी है। ऐसा लगता है कि विभाग को किसी बड़े हादसे का इंतजार है।
दिनेश कुमार, गुलाब नगर

नाले की दीवार टूटकर बह चुकी है। रोज हजारों की संख्या में इस रास्ते से लोगों का आवागमन रहता है। सड़क लगातार नाले में समा रही है। फिर भी नगर निगम की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा।

दीपक दिवाकर, शांति नगर

नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने बताया कि नगर निगम की ओर से पिछले चार महीने में 41 नालों पर कार्य कराया गया है। ये नाले पूरी तरह से टूटे हुए थे या फिर क्षतिग्रस्त थे। इनमें से अधिकांश नाले ऐसे हैं, जो रिहायशी बस्तियों के बीच से होकर गुजरते हैं। यहां हादसे की आशंका बनी रहती थी। इन नालों पर निर्माण कार्य कराते हुए इन्हें आमजन के लिए सुरक्षित बनाया गया। ये अभियान जारी है। जहां भी नाले खुले पड़े हैं या पूर्व में हादसे हो चुके हैं या फिर इनकी आशंका है, ऐसे स्थानों को कवर्ड करने का प्रयास जारी है। यहां स्लैब रखवाने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए जा चुके हैं।
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शहर में चार से पांच बड़े नालों के निर्माण कार्य और कवर्ड करने के लिए हाल ही में स्वीकृति दी गई है। बैनारा फैक्ट्री के बराबर से गुजर रहे नाले के लिए भी करीब 30 लाख रुपए धनराशि स्वीकृत की जा चुकी है। इसी तरह बाईंपुर नाले के लिए भी 74 लाख रुपए का बजट स्वीकृत किया गया है। शहर में क्षतिग्रस्त नालों के निर्माण और उनको कवर्ड करने के लिए अभियान लगातार जारी रहेगा।
हेमलता दिवाकर कुशवाह, मेयर