आगरा। स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट अफसरों की कारगुजारी और फाइलों के जाल से धरातल पर नहीं आ पा रहे हैं। प्रोजेक्ट की मॉनीटरिंग के लिए हर महीने मीटिंग होती हैं। बुकलेट में आंकड़े सजाए जाते हैं। चाय की चुस्कियों के साथ मीटिंग की इतिश्री हो जाती है, लेकिन नतीजे ढाक के तीन पात ही रहते हैं। हालात ये हैं कि स्मार्ट सिटी के विभिन्न प्रोजेक्ट के लिए जारी बजट की आधी राशि भी खर्च नहीं की जा सकी है। ऐसे में प्रोजेक्ट की गति का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
313 करोड़ से अभी तक 109 करोड़ ही हो सके खर्च
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत केन्द्रांश और राज्यांश से अभी तक 313 करोड़ की धनराशि मुहैया कराई जा चुकी है। इसमें अभी तक 109 करोड़ ही खर्च हो पाए हैं। बड़ा सवाल ये है कि बजट खर्च हो भी तो कैस? निर्माण की निर्धारित तिथि समाप्त होने के बाद भी काम आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। स्मार्ट सिटी में पीपीपी मोड एवं अन्य की 17 परियोजनाओं पर कार्य किया जाना है। जिनकी कुल लागत 1189 करोड़ है। अफसरों का दावा है कि 11 परियोजनाओं का काम समाप्त हो चुका है। छह परियोजनाओं का काम प्रगति पर बताया जा रहा है।
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का बजट 1000 करोड़
- पांच वर्ष में पूरे किए जाने हैं विकास कार्य
- 91 प्रोजेक्ट थे पहले
- 40 प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने के दिए थे निर्देश
- 23 परियोजनाएं तैयार हो चुकी हैं
- 19 परियोजनाएं हैं स्मार्ट सिटी की
- 981 करोड़ स्मार्ट सिटी परियोजनाओं पर होने है खर्च
- 313 करोड़ स्मार्ट सिटी के तहत अभी तक प्राप्त हो चुके हैं
- 109.42 करोड़ किए जा चुके हैं खर्च
- 300 करोड़ के कराए जा रहे हैं विकास कार्य
- 35 लाख स्मार्ट सिटी के ऑफिस पर हो चुके हैं खर्च
- 2.39 करोड़ कंपनी के रजिस्ट्रेशन पर खर्च हुए
- एक लाख रुपये हर महीने सैलरी पर हो रहे खर्च
- एक प्रोजेक्ट पैन सिटी का 18 प्रोजेक्ट एबीडी के हैं
- 62 चौराहों को किया जाना है विकसित
- 6 योजनाओं पर कार्य शुरू, लेकिन बीच में रुका
स्मार्ट सिटी के कार्यो पर एक नजर
प्रोजेक्ट का नाम
माइक्रो स्किल डेवलपमेंट सेंटर
जक्शन इंम्प्रूमेंट सिविल
अपग्रेडेशन नगर निगम स्कूल
नगर निगम हेल्थ सेंटर जच्चा बच्चा केन्द्र
सेल्फ क्लीनिंग टॉयलेट
ब्यूटीफिकेशन स्ट्रीट स्केपिंग
डेवलपमेंट ऑफ हेरीटेज वॉक
ताज ईस्ट ड्रेनेज
दो किमी। के दायरे में सुन्दरीकरण
इम्प्रूमेंट ऑफ ट्रेडीशनल हाउस
एमएसआई कंट्रोल सेंटर
आईसीसीसी
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इन प्रोजेक्ट पर रुका पड़ा है काम
- 05.52 करोड़ से ताज के आसपास में पौधारोपण
- 52.30 करोड़ से फतेहाबाद रोड का सुन्दरीकरण व डक्ट का कार्य
- 03.17 करोड़ से हेरिटेज वॉक-वे का विकास
- 03.81 करोड़ की लागत से स्ट्रीट वेन्डिंग जोन
लाखों खर्च, नतीजा सिफर
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिए 35 लाख खर्च कर अलग से ऑफिस तैयार किया गया है। मॉनीटरिंग के लिए अलग से स्टाफ तैनात है। हर महीने इनकी तनख्वाह पर लाखों रुपये खर्च किए जाते हैं। सीएम योगी आदित्यनाथ समीक्षा मीटिंग में प्रोजेक्ट की धीमी गति पर नाराजगी जता चुके हैं। बावजूद इसके हालात जस के तस हैं।