- बढ़ते स्मॉग को इग्नोर कर घंटों लाइन में खड़े होने से बढ़ता जा रहा मर्ज

- एसएन में बढ़े सांस की तकलीफ के मरीज, दूसरों को इंफेक्शन का खतरा

आगरा। नोट बंदी आपको बीमार भी बना रही है। खासतौर से यदि आपको चेस्ट से संबंधित रोग है तो नोट बदलवाने के लिए बैंकों की लंबी लाइन में लगना, आपके लिए हानिकारक है। क्योंकि शहर की हवा में घुले जहरीले वातावरण में घंटों खड़े रहने से सांस की तकलीफों के केस बढ़े हैं।

स्मॉग और पॉल्यूशन से हो रही बढ़ोत्तरी

शहर में बढ़ते स्मॉग और पॉल्यूशन ने अस्थमा, सीओपीडी और दमा के मरीजों की समस्या बढ़ा दी है। एसएन मेडिकल कॉलेज के टीबी विभाग की ओपीडी में स्मॉग-पॉल्यूशन की शिकायत के मरीजों में 30 से 25 प्रतिशत बढ़ोत्तरी हुई है। अभी रोज की ओपीडी में करीब 150 से 200 मरीज आते हैं। नोट बंदी से बैंकों में लगने वाली लाइनों में सांस के रोगी भी लग रहे हैं और दिन भर खुले में उड़ती धूल व धूंए आदि से उनकी परेशानियां बढ़ जाती हैं।

ज्यादा बाहर रहने से बढ़ता है खतरा

दमा, सीओपीडी या फेफड़े से संबंधित रोगों से पीडि़त मरीजों का शहर में ज्यादा समय तक बाहर रहने से उनमें इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। अब नोट एक्सचेंज और बदलवाने के लिए हर कोई बैंकों के बाहर लाइनों में घंटों खड़ा रहता है। पीडि़त व्यक्ति इस बात का ध्यान नही रखते और 5-6 घंटे लगातार प्रदूषण में खड़े रहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि पॉल्यूशन में ज्यादा समय तक मरीज के रहने से उनमें इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।