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न्द्दक्त्रन् (31 न्ह्वद्द.): शिक्षा का अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। खुद शिक्षक इस कानून के नियमों को ताक पर रखकर छात्र-छात्राओं से दु‌र्व्यवहार करने पर आमादा हैं। इसका ताजा उदाहरण बुधवार को देखने को मिला। थाना सैंया के गांव छाहरी में एक शिक्षक ने छठवीं के छात्र को मात्र इसलिए उठाकर पटक दिया कि उसने शिक्षक को पानी लाकर नहीं दिया। पटकने के बाद शिक्षक लात-घूंसों के साथ उस पर बरस पड़ा। पिटाई में छात्र का पैर चोटिल हो गया। परिजनों का आरोप है कि शिक्षक ने बेटे का पैर तोड़ दिया। पीडि़त कलेक्ट्रेट शिकायत लेकर पहुंचा।

जूनियर हाईस्कूल का है छात्र

गांव छाहरी निवासी तारा सिंह कुश्वाह मजदूरी करता है। उसका 11 वर्षीय बेटा धन सिंह प्राथमिक विद्यालय जूनियर हाई स्कूल में

कक्षा 6 का छात्र है। मंगलवार सुबह छात्र

स्कूल पढ़ने गया। शिक्षक दिनेश ने उससे गांव से आधा किमी। दूर लगे हैंडपंप से पानी लाने को कहा। जिस स्थान से शिक्षक ने पानी मंगवाया वहां पर आवारा कुत्ते घूमते हैं।

पूर्व में वह विद्यालय के कई छात्रों को काट चुके हैं। यही सोचकर धन सिंह ने पानी

लाने से इनकार कर दिया। वह अपने स्थान से नहीं उठा। इस पर शिक्षक को गुस्सा आ गया और उसने छात्र को उठाकर जमीन पर पटक दिया।

एसएसपी ऑफिस पहुंचे पीडि़त

पिता तारा सिंह का आरोप है कि शिक्षक दिनेश ने कई बार छात्र को जमीन पर पटका। छात्र के मुताबिक शिक्षक ने उसके साथ लात-घूंसों के साथ मारपीट भी की। शिक्षक की पिटाई खाकर किसी तरह रोता हुआ छात्र अपने घर पहुंचा। छात्र की आपबीती सुनकर परिवार और समाज के लोग भड़क गए। अखिल भारतीय कुश्वाह समाज के पदाधिकारी एकजुट हो गए। उन्होंने थाना सैंया में शिक्षक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मुकदमा तो दर्ज किया, लेकिन अरेस्टिंग नहीं की। इस पर बुधवार को पिता बच्चे को पीठ पर लेकर कलक्ट्रेट एसएसपी कार्यालय पहुंचे। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई।