आगरा। पर्यावरण एक्टिविस्ट डॉ। देवाशीष भट्टïाचार्य ने बताया कि इस बार एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (एक्यूआई) मैक्सिमम 300 तक ही पहुंचा है। जबकि बीते कई साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो यह 450 तक पहुंच जाता था। उन्होंने इसके पीछे का कारण स्पष्ट करते हुए कहा कि देर से हुई बारिश इसका सबसे बड़ा कारण रही है। उन्होंने कहा कि बारिश अक्टूबर तक हुई है। इस कारण ज्यादा बारिश होने से वातावरण में नमी रही है। इससे वातावरण में फैलने वाले पीएम (पर्टिकुलेट मैटर) 10 भारी होकर धरातल पर ही आ गए हैैं। इसके साथ इस बार हवा उत्तर-पूर्व की जगह दक्षिण-पश्चिम की ओर चली है। हवा की रफ्तार भी 10 किलोमीटर प्रतिघंटा के करीब है। इससे हवा वातावरण को साफ करती हुई राजस्थान की ओर ले जा रही है। इस कारण आगरा में इस बार एयर पॉल्यूशन टिक नहीं पा रही है।

यमुना में भी जलस्तर अच्छा
पर्यावरणविद ब्रज खंडेलवाल बताते हैैं। यमुना में इस बार जलस्तर अच्छा है। पर्याप्त मात्रा में पानी होने से भी वातावरण में नमी रही है। इसके साथ ही पेड़-पौधों पर भी मॉश्चर और हवा होने से एयर पॉल्यूशन वातावरण में टिक नहीं पाया है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने हमें रास्ता दिखाया है। हमें आगे भी इसे जारी रखने के लिए प्रयास करने होंगे। इसके लिए हमें वर्तमान स्थिति की हरियाली (लगभग 6 परसेंट) को तीन गुना यानि 18 परसेंट तक पहुंचाना होगा। इससे वातावरण में पर्याप्त मात्रा में नमी रहेगी और हवा भी शुद्ध रहेगी।

साफ हो रही हवा
आगरा में हवा तेजी से साफ हो रही है। आगरा में एक्यूआई के आंकड़ों पर नजर डालें तो 20 अक्टूबर को यह 131 था। 21 अक्टूबर को 145 हुआ। 22 व 23 अक्टूबर को 250 से अधिक स्थिति पर पहुंच गया। 24 अक्टूबर यानि दिवाली की शाम को यह 310 पहुंचा। इसके बात अब वातावरण साफ होना शुरू हो गया है। एक्यूआई 278 तक पहुंच गई है।

यह रहे कारण
- बारिश लेट होने से मौसम में रही नमी
- खेतों में नमी के कारण देर से हुई कटाई, नहीं जली पराली
- यमुना में जलस्तर अच्छा रहने से भी वातावरण में नमी बढ़ी और धूल नहीं उड़ी
- हवा उत्तर-पूर्वी की जगह दक्षिण-पश्चिमी तेज रफ्तार से चली।
- दिन में गर्माहट भी बरकरार है और रात की सर्दी भी उतनी ज्यादा नहीं बढ़ी है।
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यह करने होंगे प्रयास
-हरियाली के स्तर को तीन गुना तक बढ़ाना होगा।
- यमुना के जलस्तर को मेंटेन करना होगा।
- पराली जलाने पर रोक लगानी होगी।

बीते दिनों आगरा का एक्यूआई
20 अक्टूबर- 131
21 अक्टूबर- 145
22 अक्टूबर- 225
23 अक्टूबर- 278
24 अक्टूबर- 310
25 अक्टूबर- 278
26 अक्टूबर- 278

प्राकृतिक तौर पर स्थिति ऐसी बनी है कि कम प्रदूषण हुआ है। इसमें सही मात्रा में वातावरण में नमी होना सामने आया है। हमें इसे मेंटेन करने के लिए वर्तमान समय से तीन गुना हरियाली को बढ़ाना होगा।
- डॉ। देवाशीष भट्टïाचार्य, पर्यावरण एक्टिविस्ट

यमुना में जलस्तर ठीक रहने और बारिश होने से वातावरण में नमी ठीक रही है। इसके साथ ही हवा चलने से वातावरण साफ हो रहा है। हमें इससे सीखते हुए शहर की हवा को साफ रखने के प्रयास करने चाहिए।
- डॉ। ब्रज खंडेलवाल, पयार्ïवरणविद