आगरा। मंत्री ने प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैैं। भाजपा नेता ने केंद्रीय मंत्री से कहा कि 26 अप्रैल को जगदगुरु परमहंसाचार्य भगवा वस्त्र व ब्रह्मïदंड के साथ ताजमहल का टिकट लेकर पहुंचे थे, मगर एएसआई कर्मियों ने प्रवेश नहीं दिया। यह भेदभाव वाली नीति है। उन्होंने प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच कराने और ताजमहल में प्रवेश को लेकर गाइडलाइन जारी करने की मांग की है। संस्कृति मंत्री ने जांच के आदेश किए हैं। उन्होंने प्रकरण में पूरी स्थिति स्पष्ट करने को भी कहा है।

ताज में प्राण प्रतिष्ठा का किया था एलान
जगदगुरु परमहंसदास ने पांच मई को ताजमहल में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा का एलान किया था लेकिन उससे पहले ही वे तीन मई को ईद उल फितर पर आगरा आ गए थे। जगदगुरु ने कहा था कि परशुराम जयंती पर तेजो महालय में भूमि पूजन करने आए हैं। ताजमहल पहुंचने से पहले सुबह नौ बजे उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो डाला। इससे ताजमहल जाने वाले रास्ते को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया था।

पुलिस अभिरक्षा में भेजे अयोध्या
संत परमहंसदास को पुलिस सुरक्षा घेरे में कीठम स्थित गेस्ट हाउस लेकर गई, वहां उन्हें कमरे में रखा गया और किसी को उनसे मिलने की इजाजत नहीं रही। परमहंसदास का कहना था कि उन्हें नजरबंद किया गया, वह अन्न-जल त्याग रहे हैं। इसका वीडियो भी उन्होंने जारी किया था। बुधवार सुबह लगभग 10 बजे परमहंसदास से मिलने के लिए एसएसपी सुधीर कुमार सिंह पहुंचे। उन्होंने एकांत में परमहंसदास से बातचीत की और बाद में पुलिस अभिरक्षा में उन्हें आयोध्या भेज दिया गया।