AGRA: हाईकोर्ट द्वारा शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द किए जाने के फैसले के बाद शिक्षामित्रों की नींद उड़ी हुई है। रविवार को डायट कार्यालय पर जिले भर के शिक्षामित्र एकत्रित हुए। यहां बैठक कर केंद्रीय राज्यमंत्री प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया के आवास तक पैदल मार्च निकाला। अब शिक्षामित्र आगे की रणनीति बनाने में जुट गए।

फैसले को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

हाईकोर्ट के फैसले की खबर से शिक्षामित्रों के होश उड़े हुए हैं। सुबह से ही शिक्षामित्र एसोसिएशन के बैनर तले शिक्षामित्र डायट पर पहुंचना शुरू हो गए। सुबह 11 बजे तक डायट कार्यालय पर 2000 से अधिक की भीड़ हो चुकी थी। यहां पर जुटे इन सहायक अध्यापकों ने हाईकोर्ट के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

परिवारों पर आएगा आर्थिक संकट

डायट पर हुई इस बैठक में कहा गया कि हाईकोर्ट के इस फैसले से तीन हजार शिक्षामित्रों के परिवार पर रोजी-रोटी का संकट आ जाएगा। बड़े प्रयासों के बाद सहायक अध्यापक बनने में सफलता मिली है। अब एक बार फिर इस फैसले के बाद जब सहायक अध्यापक से शिक्षामित्र बनेंगे, तो मानदेय वहीं तीन हजार 500 रुपये पर पहुंच जाएगा। इस महंगाई में कैसे गुजारा कर पाएंगे।

वर्षो किया था इंतजार

शिक्षामित्र एसोसिएशन के वीरेन्द्र छोंकर ने बताया कि शिक्षामित्रों ने काफी वर्ष तक संयम के साथ नौकरी की। शिक्षामित्र मामूली मानदेय में प्राथमिक शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाया। शिक्षामित्रों ने स्कूल की हर जिम्मेदारी को बखूबी उठाया, लेकिन इस फैसले के बाद उनकी उम्मीद पर पानी फिर गया है।

पैदल मार्च से दिखाया दम-खम

डायट कार्यालय पर बैठक करने के बाद हजारों की संख्या में शिक्षामित्रों ने पैदल मार्च निकाला। यह मार्च केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रो। रामशंकर कठेरिया के आवास तक निकाला गया। करीब एक बजे मुख्य मार्गो से होती हुए सासंद कठेरिया के आवास पर पहुंचे। भीड़ के चलते एमजी रोड पर वाहनों की रफ्तार धीमी हो गई।

नहीं खुला कठेरिया का दरबार

जब इन सहायक शिक्षकों की भीड़ केन्द्रीय मंत्री प्रोफेसर रामशंकर कठेरिया के आवास पर पहुंची, तो वहां भी हलचल मच गई। उपद्रव के डर से मंत्री के गार्डो ने आवास का दरवाजा नहीं खोला। उस समय केन्द्रीय मंत्री भी अपने आवास पर नहीं थे। इसके बाद ये सहायक शिक्षक उनके आवास के बाहर ही धूप में बैठ गए।

कई की बिगड़ गई तबियत

चिलचिलाती धूप में तीन घंटे तक बैठे रहने से कई शिक्षामित्रों की तबियत बिगड़ गई। नगला इमली में तैनात शिक्षामित्र कुसमलता, गर्मी के कारण बेहोश होकर गिर गई। नगर क्षेत्र की सुनीता पाराशर की भी तबियत बिगड़ गई। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

तीसरे बैच का प्रशिक्षण जारी

प्रथम बैच दो अगस्त 2014 को शिक्षामित्र से सहायक शिक्षकों के रूप में समायोजित किया गया। इसमें एक हजार 24 शिक्षामित्रों को लाभ मिला। दूसरा बैच 19 मई 2015 को निकला, जिसमें 1600 शिक्षामित्रों को सहायक शिक्षामित्र के रूप में समायोजित किया गया। तीसरे बैच का प्रशिक्षण अभी चल रहा है। आगरा में कुल तीन हजार शिक्षामित्र हैं। जिसमें से 26 सौ 24 शिक्षामित्र सहायक शिक्षकों के रूप में अपनी तैनाती के लिए थे।