प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सरकार के उपेक्षित रवैये से छात्रों में सुसाइड की टेंडेंसी बढ़ती जा रही है। यह चिंताजनक है। युवाओं को बेहतर जीवन प्रदान करने के लिए उन्हें सरकारी नौकरी दिलाने की दिशा में सरकार को प्रयास करना चाहिए। पदों की संख्या में कोई इजाफा न भी किया जाय तो उन छह लाख रिक्त पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएं, जिस पर भर्ती का वादा सरकार ने चुनाव के समय किया था। यह मुद्दे मंगलवार को युवाओं ने युवा मंच के बैनर तले आयोजित धरना-प्रदर्शन के दौरान उठाये। उन्होंने राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री के नाम सम्बोधित ज्ञापन प्रशासन के प्रतिनिधि को सौंपा और बेमियादी धरना प्रदर्शन की घोषणा की।

राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग
राष्ट्रपति को प्रेषित मांग पत्र में देश में रिक्त पड़े एक करोड़ पदों को भरने, सम्मानजनक आजीविका की गारंटी, सरकारी विभागों में संविदा व्यवस्था खत्म करने, महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजीकरण पर रोक और कारपोरेट्स पर संपत्ति व उत्तराधिकार कर लगाने जैसे मुद्दे उठाये गये हैं। उनसे आग्रह किया गया है कि वे छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इसमें हस्तक्षेप करें। धरना प्रदर्शन में संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम सदस्य व युवा मंच संयोजक राजेश सचान, युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह, ई। राम बहादुर पटेल, इविवि के छात्र नेता अमित द्विवेदी आजाद, संयोजक अमरनाथ सरोज, प्रेम चंद्र पटेल, अर्जुन प्रसाद, विजय मोहन पाल, नीलाभ कमल गौतम, राजेश यादव, दीपक कुमार, प्रदीप कुमार चौधरी, राजेंद्र प्रसाद, सतेन्द्र प्रताप समेत काफी संख्या में छात्रों की मौजूदगी रही। युवाओं ने बेमियादी धरना प्रदर्शन के लिए नौ सदस्यीय टीम का गठन किया जिसका संयोजक अमरनाथ सरोज को बनाया गया।

प्रतियोगी छात्रों ने उठायी मांग
6 लाख रिक्त पदों को भरने के चुनावीं वायदे को पूरा किया जाए
शिक्षा सेवा चयन आयोग का तत्काल गठन कर टीजीटी पीजीटी विज्ञापन 2022 में रिक्त 25 हजार पद भरे जाएं
असिस्टेंट प्रोफेसर विज्ञापन 2022 में सभी रिक्त पदों को शामिल कर तत्काल परीक्षा तिथियों को घोषित किया जाए।
तदर्थ शिक्षकों के रिक्त पदों का अधियाचन प्रेषित कर नियमित शिक्षकों की भर्ती की जाए
एलटी व प्रवक्ता (जीआईसी) के 12 हजार से ज्यादा रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति की जाए
तकनीकी संवर्ग समेत अन्य विभागों में रिक्त पदों को विज्ञापित किया जाय
परिषदीय विद्यालयों में 2 साल में खत्म किए गए 1.39 लाख पदों को बहाल किया जाय
सभी लंबित भर्तियों को आचार संहिता लागू होने के पहले हर हाल में पूरा किया जाय