प्रयागराज (ब्‍यूरो)। आज हम बात करने जा रहे हैं एक ऐसे खिलाड़ी की जिसने अपने खेल के दम पर अपना ही नहीं भारत का नाम भी पूरे विश्व में रोशन किया। फरीदाबाद के रहने वाले क्रिकेटर महेश रावत बताते हंै कि उन्होंने बहुत छोटी उम्र से ही क्रिकेट खेलना प्रारंभ कर दिया था। महेश को क्रिकेट में विकेट कीपिंग करना का चस्का था। जैसे जैसे बड़े हुए क्रिकेट के प्रति समर्पण बढ़ता चला गया। उन्होंने नागपुर के विदर्भ स्टेडियम में विजय हजारे ट्राफी के वनडे मैच जो रेलवे और एमपी के मध्य खेला गया था के एक मैच में लगातार सात कैच लपक कर यह रिकॉर्ड बना दिया। यह रिकॉर्ड अब तक कायम है। महेश इस समय रेलवे में सीटीआई के पद पर कार्यरत है।

घर वालों का पूरा स्पोर्ट
मीडिया से बातचीत करते हुए महेश ने बताया कि घर में माता पिता और एक भाई है। पिता का नाम जीएस सिंह रावत है जो पंजाब नेशनल बैंक से सीनियर मैनेजर के पद से सेवानिवृत्त हैं और माता जावित्री देवी हाऊस वाइफ हैं। उनके बड़े भाई नरेश रावत फुटबाल के खिलाड़ी रहे हैं। जिस वजह से इनके घर मेें शुरू से ही खेल का माहौल रहा है। इसका इन्हें फायदा ये मिला की जब इन्होंनें खेलना शुरू किया तो इन्हें घर वालों का पूरा स्पोर्ट मिला।

2003 में प्रोफेशनली खेलना शुरू किया
महेश बताते हैं की वर्ष 2003 में उन्होंने अपना पहला मैच अपने प्रदेश हरियाणा के लिए खेला। 2008 में इनका चयन रेलवे की टीम क्रिकेट में हुआ। फिर इसके बाद कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। साल 2013 से लेकर 2019 तक रेलवे की क्रिकेट टीम के कप्तान रहे। इन्हीं की कप्तानी में नॉर्दन रेलवे 2019 में ऑल इंडिया चैम्पियन रही। महेश बताते हंै की 2020 तक रेलवे के एक्टिव क्रिकेट खिलाड़ी रहे। इसके बाद इनके प्रदर्शन को देखते हुए रेलवे ने इन्हें रेलवे की क्रिकेट टीम के मेंटर की जिम्मेदारी सौंप दी। अब महेश रेलवे के खिलाडिय़ों को टे्रनिंग दे रहे हैं।

अभी कोचिंग पर है पूरा फोकस
महेश बताते हैं की उनका सेलेक्शन इंग्लैण्ड क्रिकेट बोर्ड में हो गया है। जहां पर ये इंग्लैण्ड क्रिकेट बोर्ड के मिडिलटन क्लब की ओर से कई सारे काउंटी मैच भी खेल चुके है। इतना ही ये इंग्लैण्ड क्रिकेट बोर्ड के लेवल थ्री के कोचिंग का एग्जाम पास कर चुके है। इसके चलते आगे चलकर के इग्लैण्ड की क्रिकेट टीम के कोच भी बन सकते हैं। अगर बीसीसीआई में कोचिंग की बात करें तो उसमें भी महेश दो लेवल क्वालीफाई कर चुके है। महेश का कहना है की अब उनका पूरा फोकस कोचिंग पर है। वो चाहते है की जो कुछ भी उन्होंने सीखा है वहे आने वाले खिलाडिय़ों को सिखा कर तैयार करें।

एक नजर में महेश का कॅरियर
2003-2008 तक हरियाणा के लिए खेला
2008 में रेलवे में चयन अभी तक कार्यरत हंै
2008 आईपीएल में राजस्थान रायल्स की टीम में चयन। टीम का हिस्सा रहे।
2010 तक आईपीएल की राजस्थान टीम का हिस्सा रहे।
2012-2013 तक आईपीएल की टीम पूणे वारियरर्स में चयन
2016 एनईपीएल का मैच खेला
2017 ऐशटेड चैम्पियनशिप में पार्टिसिपेट किया
2018, 2020, 2021, 2022 में मिडिलटन क्लब की ओर से काउंटी क्रिकेट खेला