प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दुनियाभर में मशहूर इलाहाबाद अमरूद के खाड़ी देश के लोग दिवाने हो चले हैं। स्थिति यह है कि वहां से इतनी डिमांड आ गयी है कि उद्यान विभाग सप्लाई कर पाने की स्थिति में नहीं है। उसने कम प्रोडक्शन और पैकेजिंग की समस्या को देखते हुए निर्यात करने से फिलहाल हाथ पीछे खींच लिए हैं। आज भले ही यह स्थिति हो लेकिन इससे संकेत है कि इसका भविष्य बेहतर है। उद्यान विभाग ने नेक्स्ट फाइनेंशियल इयर में इसकी बागवानी बढ़ाने का टारगेट अभी से तय कर लिया है। उन इलाकों में जहां इसकी खेती बड़े पैमाने पर होती है, वहां के किसानों को विभाग ने मोटीवेट करने के टारगेट पर अभी से काम शुरू कर दिया है।

पूरी दुनिया में नहीं मिलता
इलाहाबादी अमरूद की एक खासियत यह है कि यह ऊपर से ग्रीन कलर या फिर रेड छींट कलर में होता है लेकिन काटने के बाद इसका इनर एरिया रेड कलर में मिलता है। इसीलिए इसे सुर्खा नाम दिया गया है। सुर्खा अमरूद जनपद ही नहीं आसपास के जिले में भी हर जगह नहीं होता। कुछ ऐसे इलाके हैं जहां की जलवायु में इस अमरूद के पौधे वृक्ष के रूप में तैयार होते हैं। प्रयागराज के सुर्खा अमरूद की डिमांड सिर्फ देश में ही नहीं है। इसके तलबगार दुबई और कतर व ओमान जैसे देशों में हैं। इन देशों से सुर्खा की डिमांड उद्यान विभाग में आई है। मगर, महकमें के लोग इसे विदेश भेजने की स्थिति में नहीं है। क्योंकि सबसे बड़ी समस्या उत्पादन की है। यहां इसकी पैदावार उतनी नहीं कि विदेश भेजा सके। इसे विदेश भेजने के लिए पैकिंग में भी दिक्कतें आड़े आ रही हैं। दूसरे यह कि इस अमरूद की सप्लाई देश में ही पर्याप्त नहीं हो पा रही है।

हर जगह की जलवायु नहीं है माकूल
प्रयागराज के खुशरूबाग का अमरूद भला कौन नहीं जानता। देश ही नहीं विदेश तक में यहां के अमरूद की अपनी एक अलग पहचान है। सुर्खा यानी लाल गुदा वाले अमरूद को पसंद करने वालों की तादाद देश में काफी अधिक है। उद्यान विभाग के अफसर बताते हैं कि सुर्खा अमरूद की खेती जिले व आसपास के इलाकों में भी हर जगह नहीं होती है। पिछले वर्षों में इसकी बागवानी दूसरे ब्लाकों व क्षेत्रों में करने का प्रयास हुआ था। मगर, सफलता हाथ नहीं लगी। बताते हैं कि सुर्खा अमरूद की खेती प्रयागराज में केवल भगभगवतपुर ब्लाक और कौशांबी जिले में चायल और मूरतगंज ब्लाक एरिया में ही होती है। यहां पर करीब तीन से साढ़े तीन सौ हेक्टेयर में सुर्खा अमरूद की खेती की जाती है। बताते हैं यहां उतना भी उत्पादन नहीं हो पाता कि पूरे देश में सप्लाई की जा सके। ऐसे में विदेश से आ रही डिमांड को लेकर अफसर परेशान हैं।

फ्रूट बैग से क्वालिटी बढ़ाने की कोशिश
उद्यान विभाग अमरूद की क्वालिटी को और बेहतर बनाने के लिए नित नए प्रयास में जुटा है। इन दिनों सफेदिया व सुर्खा अमरूद के फल पेड़ में लगे हैं। दर्जनों पेड़ों के फल में विभाग फूड बैग लगा रखा है। पूरे फल को एक विशेष कागज से बने थैले में बांध दिया गया है। इससे फल पर धूल तो दूर मक्खी तक नहीं बैठ पाती। इस स्थिति में फ्रूट बैग के अंदर बढ़ा और पका फल काफी चमकदार और मुलायम हो जाता है।

यहां पैदा होने वाले सुर्खा अमरूद की डिमांड विदेश से आई है। मगर, पैदावार इतनी हीं कि उसे बाहर भेजा जा सके। अगले वर्ष उत्पादन बढ़ाने के लिए बागवानी और बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। फ्रूट बैग में बढ़े फलों की क्वालिटी काफी बेस्ट आ रही है।
वीके सिंह उद्यान प्रभारी खुशरोबाग