आखिर कैसे होगी limit fix  

एडीए में मैप पास करना व जनसमस्याओं के लिए कैंप का आयोजन किया जाता है। जिसमें ज्यादा से ज्यादा प्रॉब्लम्स का साल्यूशन निकालने का प्रयास किया जाता है। लेकिन एडीए में अब हर काम की लिमिट फिक्स करने की बात चल रही है। मसलन, अगर कोई मैप पास कराने को दे तो उसमें फलां टाइम लगना चाहिए, एनओसी की एप्लीकेशन दे तो उसके लिए इतना टाइम लगना चाहिए। इसी तर्ज पर हर वर्क का टाइम फिक्स किया जा रहा है। ताकि पब्लिक को किसी तरह की दिक्कत न झेलनी पड़े।

नहीं चलेगी बहानेबाजी

बाबू हो या अफसर वह लिखापढ़ी में तो मास्टर होता ही है। ऐसे में अक्सर फाइल पर कुछ टिप्पणी करके उसको महीना तक रोके रखा जाता है। लेकिन नई व्यवस्था में एडीए इसका भी तोड़ निकलने की कोशिश कर रहा है। जिसमें यह बात है कि अगर किसी फाइल में कोई कंफ्यूजन या प्रॉब्लम है तो फिर शिकायतकर्ता को तुंरत टेलीफोन व अन्य किसी माध्यम से इसकी सूचना दी जाए। बेवजह की बहानेबाजी न हो पाए, इसके लिए भी सीनियर ऑफिसर्स को निर्देश दिए गए हैं।