न SMS की झंझट न लाइन में लगना

अभी तक कोई भी गैस सिलेंडर की बुकिंग के लिए हर कस्टमर को एसएमएस करना पड़ता है। पासबुक लेकर एजेंसी तक जाना पड़ता है। बुकिंग नंबर एलॉट हो जाने के बाद भी गैस सिलेंडर कब पहुंचेगा? इसका कोई भरोसा नहीं होता। कभी पांच दिन में पहुंच जाता है और कभी 25 दिन तक लग जाते हैं। ज्यादा जरूरी होने पर लोग गैस एजेंसी तक सिलेंडर लेकर जाते हैं और घंटों लाइन में लगने के बाद इसे लेकर आते हैं। घरों पर आने वाली सप्लाई में कई बार गैस कम होने की शिकायतें भी बेहद कॉमन हैं।

चौफटका से शुरू होगा काम

सिटी में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत चौफटका से होगी। इसके लिए इन दिनों तेजी से सर्वे का काम चल रहा है। नगर आयुक्त प्रदीप कुमार ने बताया कि यह एक ड्रीम प्रोजेक्ट है। गवर्नमेंट से मंजूरी मिलने के बाद इस पर काम शुरू करा दिया गया है। इस सुविधा के पूरी तरह से लागू हो जाने के बाद लोग जितनी गैस इस्तेमाल करेंगे उतने का ही भुगतान उन्हें करना होगा। गैस की किल्लत से भी छुटकारा मिल जाएगा।

उत्तर प्रदेश का तीसरा जिला होगा

नगर आयुक्त ने बताया कि यूपी में अभी तक यह सुविधा सिर्फ आगरा व लखनऊ में उपलब्ध है। दोनों शहरों में इस योजना को मिली सफलता के बाद उत्तर प्रदेश में इसका विस्तार करना तय किया गया है। इसी के तहत इलाहाबाद को इसमें शामिल किया गया है। नगर आयुक्त की मानें तो इस सुविधा को दो फेज में पूरा किया जाएगा। इसका रोड मैप तैयार है और वर्क करने वाली एजेंसी को भी सभी चीजें क्लीयर कर दी गई हैं।

ग्रीन बेल्ट से डेकोरेट होगा इलाहाबाद

नगर निगम द्वारा कराए जा रहे कार्यो की जानकारी मीडिया से शेयर करते हुए वेडनेसडे को नगर आयुक्त ने बताया कि हरित पट्टिका विकसित करने तहत ग्रीनबेल्ट तैयार किया जा रहा है। अभी सिटी के महात्मा गांधी मार्ग, सीएमपी डिग्री कालेज के पास इसे तैयार कराया जा रहा है। इसके साथ ही सिटी 12 दूसरी रोड का भी एडीए, पीडब्लूडी की मदद से नगर निगम द्वारा सौन्दर्यीकरण कराया जाएगा। उन्होंने निगम द्वारा सफाई, मार्डन रोड, सुलभ काम्पलेक्स, पालिथीन अभियान, रैन बसेरा, नगर निगम पार्क, प्रमुख चौराहों, एडब्लूपी, सफाई व्यवस्था, फागिंग, अभियंत्रण विभाग, ट्रैफिक, जलकल विभाग, पशुधन विभाग, अतिक्रमण अभियान, विद्युत विभाग और ई-गवर्नेंस से सम्बन्धित किए जा रहे कार्यो की जानकारी भी दी।