-एफएसएसएआई ने बताए तरीके, घर बैठे मिलावट की जांच कर सकेंगे आप
-मिलावट पाए जाने पर होगी कार्रवाई, बढ़ते मामलों पर लिया इनीशिएटिव
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ALLAHABAD: आपको घर पर मौजूद दूध या उससे बने उत्पादों पर मिलावट का संदेह है तो इसकी जांच आसानी से कर सकते हैं। वह भी घर बैठे। जी हां, एफएसएसआई ने दुग्ध उत्पादों में मिलावट के बढ़ते मामलों को देखते हुए गाइड लाइन जारी कर दी है। जांच के घरेलू नुस्खे पब्लिक में फैलाने के निर्देश खाद्य सुरक्षा विभाग को दिए हैं। अगर जांच में मिलावट के लक्षण पाए जाते हैं तो कार्रवाई के लिए लोकल अधिकारियों को इसकी जानकारी दी जा सकती है।
पब्लिक के बीच होगा प्रचार-प्रसार
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि घरेलू जांच की टेक्निक के बारे में पब्लिक को कई तरीकों से बताया जाएगा। इसके लिए पम्पलेट, पर्चे, रेडियो समेत न्यूज पेपर का सहारा लिया जाएगा। जिससे अधिक से अधिक पब्लिक अवेयर हो जाए। एफएसएसआई (फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथारिटी ऑफ इंडिया)) द्वारा जारी किए गए तरीकों में यूज होने वाले केमिकल आसानी से मार्केट में अवेलेबल हों, इसका भी ध्यान गाइड लाइन में रखा गया है।
ऐसे करें दुग्ध उत्पादों की जांच
दूध में पानी
दूध की बूंद पालिश्ड स्लांटिंग सरफेस पर डालने से वह तेजी से आगे बढ़ती है और पीछे कोई मार्क नहीं छोड़ती तो समझिए पानी मिला है। क्योंकि खालिस दूध की बूंद सफेद मार्क छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ती है।
दूध में स्टार्च
दूध में आयोडीन साल्यूशन मिलाने पर अगर यह नीला रंग शो करता है तो जानिए स्टार्च मौजूद है।
दूध में यूरिया
टेस्ट ट्यूब में एक चम्मच दूध डालें। इसमें आधा चम्मच सोयाबीन या अरहर का पाउडर मिलाएं। इन्हें कायदे से मिक्स करें। अब इसमें रेड लिटमस पेपर डालें। आधा मिनट पर अगर पेपर का कलर बदलकर नीला हो जाए तो यूरिया की मौजूदगी निश्चित है।
वनस्पति की मिलावट
तीन मिलीलीटर दूध को टेस्ट ट्यूब में लीजिए। इसमें दस बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड मिलाइए। इसमें एक चम्मच चीनी मिलाइए। पांच मिनट बाद अगर मिक्स्चर का कलर रेड हो तो समझिए इसमें वनस्पति की मिलावट है।
फार्मेलीन
दस मिलीलीटर दूध को टेस्ट ट्यूब में डालिए। इसमें पांच मिली कंसंट्रेटेड सल्फ्यूरिक एसिड टेस्ट ट्यूब की साइड से बिना हिलाइए डालिए। अगर नीले रंग की रिंग दो लेयर में बनती है तो फार्मेलीन की मिलावट की गई है।
डिटर्जेट की मिलावट
पांच से दस मिली दूध को इतने ही पानी में मिलाकर जोर से हिलाएं। अगर झाग बन रहा है तो डिटर्जेट की मिलावट है।
सिंथेटिक मिल्क
दूध को जलाने पर पीला कलर छोड़ता है। इसका टेस्ट अलग होता है।
प्रोटीन
यूरियाज स्ट्रिप में डालने पर सिंथेटिक मिल्क प्रोटीन में बंट जाता है।
ग्लूकोज या इनवर्टेड शुगर
दूध में ग्लूकोज समाहित नहीं होता। यूरियाज स्ट्रिप में दूध टेस्ट करने से यह पॉजिटिव रिजल्ट देता है। यह स्ट्रिप आसानी से मेडिकल स्टोर्स पर अवेलेबल है।
घी, काटेज चीज, कंडेंस्ड मिल्क, खोआ, मिल्क पावडर आदि में कोलतार डाइज
दूध में पांच मिलीलीटर एचटूएसओफोर या कंसंट्रेटेड एचसीएल मिलाकर टेस्ट ट्यूब में मिक्स करें। पिंक या क्रिम्सन कलर देने पर कोलतार डाइज की पुष्टि हो जाती है।
मीठी दही में वनस्पति की मिलावट
एक चम्मच दही को टेस्ट ट्यूब में डालकर दस बूंद एचसीएल एसिड मिलाएं। उसे जोर से हिलाएं और पांच मिनट बाद मिक्स्चर लाल कलर शो करता है तो वनस्पति की मिलावट है।
खोवा में स्टार्च की मिलावट
थोड़े से खोवे को पानी के साथ उबालें। ठंडा होने पर इसमें आयोडिन साल्यूशन मिलाएं। नीला रंग आने पर स्टार्च मिलावट की पुष्टि हो जाएगी।
मिलावट से जा सकती है जान
ऊपर दिए गए टेस्ट करना पब्लिक के लिए बेहद जरूरी है। अगर खतरनाक मिलावट वाले दुग्ध उत्पाद लगातार उपयोग में लाए जाएं तो जान जा सकती है। उदाहरण के तौर पर दूध में यूरिया की मिलावट से अल्सर, सोडियम बाइकार्बोनेट से लीवर फेल्योर, सिंथेटिक दूध या डिटर्जेट की मिलावट से लीवर फेल्योर, अल्सर सहित कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां तक कि स्टार्च से डाइजेशन सिस्टम डिस्टर्ब हो जाता है। वनस्पति घी की मिलावट भी पेट को खराब करती है।
ऐसे तैयार होता है सिंथेटिक मिल्क
कलर वाटर पेंट, ऑयल, अलकली यूरिया, डिटर्जेट, ग्लूकोज, इनवर्टेड शुगर सिरप मिलाकर बनता है।
एफएसएसएआई की ओर से लगातार दूध या दूध से बने उत्पादों के फेल होने के मामलों के देखते हुए यह गाइड लाइन जारी की गई है। गवर्नमेंट की ओर से पब्लिक के लिए घरेलू नुस्खे जारी किए गए हैं। इनके जरिए घर पर ही मिलावट की पहचान कर इसकी शिकायत हमसे की जा सकती है। संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
-हरिमोहन श्रीवास्तव
डेजिग्नेटेड ऑफिसर, खाद्य सुरक्षा विभाग