प्रयागराज ब्यूरो ।कौन हैं ये लोग जो संगम एरिया में पार्किंग की पर्ची काटते हैं। ये खबर आज इसी सवाल के साथ शुरू हो रही है। बात मामूली सी है। मगर गौर करने वाली है। ये खबर तब बनती है जब संगम एरिया में मारपीट हो जाती है और मारपीट भी महज बस रोकने में देरी की वजह से। बस रोकी जा रही थी पार्किंग की पर्ची काटने के लिए, मगर पर्ची काटने वालों को दबंगई सवार थी, ऐसे में मारपीट कर दिया। अब इसमें गलत सही का फैसला होना चाहिए। मगर दूसरे दिन मंगलवार को पूरा मामला ही पलट गया। जब मंगलवार को सुबह से शाम तक संगम एरिया में पर्ची काटने वाले नजर नहीं आए। यानि ये लगभग तय हो गया है कि संगम में पार्किंग के नाम पर अवैध वसूली होती है।

पहले जान लीजिए घटना
इस खबर को समझने से पहले पूरा घटनाक्रम जानना जरुरी है। मसला ये है कि सोमवार सुबह आगरा से तीर्थ यात्रियों को लेकर निकली बस संगम एरिया पहुंची। बस परेड क्रास करके बांध से नीचे उतर रही थी। तभी दो युवकों ने ड्राइवर पवन कुमार को रुकने का इशारा किया। बस ढलान पर बीच रोड थी। जिस पर ड्राइवर बस किनारे करने लगा। मगर आपा खोए दबंग ड्राइवर से गालीगलौच करने लगे। एक दबंग ने ड्राइवर को खिड़की से झापड़ मार दिया। ड्राइवर ने बस किनारे लगाई तब तक उसमें सवार यात्री रामवीर सिंह, रामेंद्र सिंह और कन्हैया दरवाजा खोलकर उतर आए। वह कुछ पूछते इसके पहले लाठी डंडों से लैश पर्ची काटने वाले दबंगों ने यात्रियों को पीटना शुरू कर दिया। कई अन्य यात्री भी बीच बचाव में पीटे गए। बस में सवार परिवार के लोग इन सभी लोगों को पिटते देखते रहे, बचाव के लिए चिल्लाते रहे। पुलिस पहुंची। घायलों को थाने ले गई। तहरीर लेकर केस दर्ज किया। दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया।

संगम में अवैध वसूली का खेल
संगम में अवैध वसूली का खेल चल रहा है। और इसका भांडा भी उन्हीं लोगों ने फोड़ा है, जो अवैध वसूली कर रहे हैं। वरना उन्हें भागने की जरुरत न पड़ती। अगर वह सही होते तो मंगलवार को भी सीना तान कर पर्ची लेकर पार्किंग शुल्क वसूल रहे होते। मगर मंगलवार को पर्ची काटने वाले संगम एरिया से नदारद रहे। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर वो लोग कौन हैं जो हाथ में पर्ची थामे संगम एरिया में पहुंचने वाले वाहनों को रोककर शुल्क ले लेते हैं। इसकी पड़ताल जरुरी है। जबकि संगम एरिया कैण्टोमेंट का है। और वहां पर बकायदा पुलिस चौकी भी बनी हुई है।

क्या करती है पुलिस चौकी
संगम एरिया में जहां पर सोमवार को घटना हुई। वहां से चौकी महज दो सौ कदम दूर है। एक दरोगा और आधा दर्जन सिपाही चौकी में तैनात हैं। इसके बाद भी मारपीट की घटना सड़क पर हो जाना पुलिस की सख्ती पर उंगली उठाने के लिए काफी है। खैर, क्या पुलिस को नहीं मालूम वो लोग कौन हैं। अगर मालूम है कि अवैध वसूली हो रही है तो पुलिस रोकती क्यों नहीं है।

थानेदार की क्या जिम्मेदारी है
दारागंज थाना एरिया में संगम आता है। रोजाना हजारों की भीड़ संगम स्नान और बड़े हनुमान मंदिर में दर्शन पूजन के लिए पहुंचती है। आखिर थाने की पुलिस क्या करती रहती है। थानेदार क्या करते रहते हैं। जबकि गश्त के नाम पर दिन में चार बार थानेदार की सरकारी गाड़ी संगम एरिया में भ्रमण करती है। क्या थानेदार को पर्ची काटने वाले नजर नहीं आते हैं। अगर ये मान लिया जाय कि पुलिस चौकी की मिलीभगत है तो फिर थानेदार क्या कर रहे है।

कैण्टोमेंट बोर्ड भी संदेह के घेरे में
कैण्टोमेंट बोर्ड का एरिया संगम तक है। सोमवार को घटना होने के बाद कैण्टोमेंट के सीईओ समीर इस्लाम द्वारा कहा गया कि संगम एरिया में पार्किंग शुल्क वसूलने के लिए टेंडर दिया गया है। यानि जो वसूली हो रही है वह अधिकृत रूप से सही है। तो फिर मंगलवार को पर्ची काटने वाले कहां चले गए। अगर अवैध वसूली हो रही है तो डरना तो अवैध वसूली वालों को चाहिए फिर टेंडर वाले अधिकृत ठेकेदार के कर्मचारी क्यों नहीं नजर आए।

सब गोलमाल है
संगम एरिया में पार्किंग का टैक्स वसूलने का गेम समझ से बाहर है। वैध वसूली हो रही है या अवैध वसूली हो रही है, इसको साफ करने वाला कोई है ही नहीं। ऐसे में कैण्टोमेंट बोर्ड के उन कर्मचारियों पर सवाल उठना लाजमी है जो संगम एरिया को देखते हैं। कैण्टोमेंट एरिया में अवैध वसूली हो जाना पूरे एक सरकारी सिस्टम पर सवाल है। और ये सवाल तब उठ रहा है जब कैण्टोमेंट बोर्ड के सीईओ ने खुद कहा कि अवैध वसूली वहां होती है। हालांकि इसके लिए सीईओ ने उन लोगों को दोषी ठहराया जो माघ मेला के समय पार्किंग का टेंडर लेते हैं। अब सीआईओ की बात से आसानी से समझा जा सकता है कि अवैध वसूली हो रही है, फिर जब अवैध वसूली हो रही है तो कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जबकि कैण्टोमेंट बोर्ड खुद अपने एरिया में अराजकता को लेकर कार्रवाई कर सकता है। या फिर पुलिस बुला सकता है। कैण्टोमेंट बोर्ड की सुनना पुलिस की मजबूरी है। इसके बाद भी कैण्टोमेंट बोर्ड तब अवैध वसूली की बात कर रहा है जब संगम एरिया में तीर्थ यात्रियों को पीटा गया और मामला सुर्खियों में आया।

क्या करेंगे जानकार?
कैण्टोमेंट बोर्ड के सीईओ समीर इस्लाम से पार्किंग की बावत आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने सवाल किया कि फर्म कहां की है और ठेकेदार कौन है। इस सवाल का बेहद शालीनता के साथ जवाब देने के बजाए उल्टा सवाल रिपोर्टर से किया कि क्या करेंगे जानकर। अब समझिए सीईओ का ये जवाब सारी कहानी से खुद पर्दा हटा दे रहा है।


संगम एरिया में पार्किंग के नाम अवैध वसूली होती है। इसकी जानकारी मिली है। एक अप्रैल से पार्किंग के लिए टेंडर शुरू हुआ है। मामले को बिला वजह तूल पकड़ाया जा रहा है। अवैध वूसली कौन कर रहा है, इसका पता लगाया जाएगा। उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
समीर इस्लाम, सीईओ, कैण्टोमेंट बोर्ड